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Humanity: एक गांव, एक जज और एक कलेक्टर ने मिलकर बचाई गौरैया की जान... खुलवाया सीलबंद दुकान का ताला

बताया जा रहा है कि तीन दिनों तक, उल्लीकल पंचायत में सीलबंद कपड़ा दुकान के शीशे के पैनल पर एक छोटी सी गौरैया बेतहाशा फड़फड़ाती देखी गई.

Rescue mission of a sparrow in Kerala won hearts Rescue mission of a sparrow in Kerala won hearts

केरल के कन्नूर जिले के एक छोटे से गांव उल्लीकल से एक वीडियो वायरल हो रहा है. यहां पर एक बंद दुकान में फंसी गौरैया का रेस्क्यू किया गया है और इस बचाव अभियान में बड़े-बड़े अधिकारी भी आगे आए. बताया जा रहा है कि तीन दिनों तक, उल्लीकल पंचायत में सीलबंद कपड़ा दुकान के शीशे के पैनल पर एक छोटी सी गौरैया बेतहाशा फड़फड़ाती देखी गई. 

आस-पास के दुकानदारों और निवासियों ने देखा कि गौरैया भागने की कोशिश में बार-बार शीशे से टकरा रही है. उल्लीकल की जिस दुकान में यह गौरैया फंसी थी, उसे व्यापारिक साझेदारों के बीच कानूनी विवाद के कारण सील कर दिया गया था. 

आसान नहीं था दुकान को खोलना 
अदालत के आदेश के तहत बंद इस दुकान को खोलना आसान नहीं थी. जिला कलेक्टर और अग्निशमन विभाग के अधिकारी भी इसमें दखल नहीं दे सकते थे. ऐसे में, गांववालों ने शुरू में एक संकीर्ण पाइप के माध्यम से गौरैया को दाना देने की कोशिश की, और उसे दुकान के अंदर की तेज गर्मी से बचाने की कोशिश की. हालांकि, गांव के अधिकारी ने आखिरकार कलेक्टर अरुण के विजयन से दुकान खोलने की अनुमति मांगी, लेकिन अदालत के आदेश के कारण अधिकारी कुछ खास मदद नहीं कर सके. 

जज ने खुद आकर खुलवाई दुकान 
जैसे-जैसे समय बीत रही थी यह गौरैया कमजोर हो रही थी. इसके बाद लोग अदालत पहुंचे और प्रधान जिला न्यायाधीश केटी निसार अहमद खुद जिला कलेक्टर के साथ मौके पर आए. उन्होंने बचाव के लिए दुकान खोलने की अनुमति दी. आखिरकार, दो-तीन दिन की मशक्कत के बाद गौरैया को मुक्त कर दिया गया. एक बेजुबान को बचाने की यह कोशिश इस बात की मिसाल है कि दुनिया में आज भी इंसानियत सबसे ऊपर है. 

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