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दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स बने भगवान, फ्लाइट में बच्ची को सांस आनी बंद हुई, 50 मिनट की कोशिशों के बाद बचाई जान

फ्लाइट में 2 साल की बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. बच्ची की कुछ दिन पहले ही ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी और उसे दिल्ली लाया जा रहा था. अचानक बच्ची की पल्स चलनी बंद हो गई और हाथ पैर ठंडे पड़ गए. फिर क्या था डॉक्टर्स तुरंत बच्ची और उसकी मां को प्लेन के आखिर में ले गए. बच्ची को तुरंत सीपीआर दिया. 

दिल्ली AIIMS के डॉक्टर बने भगवान दिल्ली AIIMS के डॉक्टर बने भगवान

बेंगलुरु से दिल्ली जा रही एक फ्लाइट में डॉक्टरों ने ऐसा चमत्कार किया जिससे एक बच्ची की जान बच गई. रविवार को दिल्ली एम्स के 5 डॉक्टर्स बेंगलुरु से दिल्ली विस्तारा की फ्लाइट से एक कांफ्रेंस अटेंड कर लौट रहे थे. फ्लाइट में कुछ समय बाद अनाउंसमेंट हुई कि अगर इस फ्लाइट में कोई डॉक्टर मौजूद है तो मदद के लिए आएं. ऐसे में ये 5 डॉक्टर्स तुरंत मदद के लिए पहुंचे.

एम्स के डॉक्टर्स का चमत्कार

दरअसल फ्लाइट में 2 साल की बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. बच्ची की कुछ दिन पहले ही ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी और उसे दिल्ली लाया जा रहा था. अचानक बच्ची की पल्स चलनी बंद हो गई और हाथ पैर ठंडे पड़ गए. फिर क्या था डॉक्टर्स तुरंत बच्ची और उसकी मां को प्लेन के आखिर में ले गए. बच्ची को तुरंत सीपीआर दिया और सीमित संसाधनों में बच्ची का इलाज करने लगे. सीपीआर के बाद बच्ची की पल्स तो चालू हो गई लेकिन ऑक्सीजन देना एक बड़ी चुनौती थी. 

नागपुर में कराई इमरजेंसी लैंडिंग

ऐसे में डॉक्टर्स ने एक एडल्ट ऑक्सीजन मास्क को बच्चे के लिए तैयार किया. फिर डॉक्टर्स और पायलट ने मिलकर ये फैसला किया कि फ्लाइट को नागपुर उतारा जाए क्योंकि दिल्ली 2.30 घंटे दूर थी. इसलिए विस्तारा की इस फ्लाइट की नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग की गई. इस दौरान बच्चे को दो बार कार्डियक अटैक आया जिसके बाद 45 मिनट तक सभी डॉक्टर बच्ची का इलाज करते रहे.

50 मिनट तक कोशिश करते रहे डॉक्टर्स

45 से 50 मिनट तक की ये जंग डॉक्टर्स और दो साल की बच्ची ने ज़मीन से हजारों किलोमीटर दूर हवा में लड़ी. ये अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है कि उस वक्त फ्लाइट में एक साथ पांच डॉक्टर मौजूद थे. ये सभी डॉक्टर्स आईसीयू में होने वाली सर्जरी, एनेस्थीसिया को अच्छे से जानते थे और इसी का नतीजा है कि बच्ची को फ्लाइट में इमरजेंसी ट्रीटमेंट दे कर बचाया गया.  इसके बाद फ्लाइट को नागपुर में लैंड कराया गया जहां से उसे चाइल्ड स्पशेलिस्ट डॉक्टरों के हाथों में सौंप दिया गया. एयरपोर्ट पर पहले से तैयार एंबुलेंस में बच्ची को अस्पताल ले जाया गया जहां अब उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.