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डाक टिकट इकट्ठा करने के शौकीन अजय गर्ग ने दी 'स्वर कोकिला' को अनोखी श्रद्धांजलि, लता दीदी के सम्मान में बनाया खास डाक टिकट

लोग अपने-अपने अनोखे तरीके से स्वर कोकिला को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इसी क्रम में राजस्थान के धौलपुर से एक खबर मिली है. मशहूर टिकट संग्रहकर्ता अजय गर्ग ने लता मंगेश्कर के ऊपर डाक टिकट जारी करने के लिए स्वयं एक डिजाइन भी तैयार किया है.

लता दीदी के सम्मान में बनाया डाक टिकट लता दीदी के सम्मान में बनाया डाक टिकट
हाइलाइट्स
  • टिकट संग्रहकर्ता अजय गर्ग ने बनाया डाक टिकट

  • 'स्वर कोकिला' को दी अनोखी श्रद्धांजलि

स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से पूरा देश शोक में है. उनका चले जाना संगीत की दुनिया में बहुत बड़ी क्षति है. उनके योगदान को देश कभी नहीं भूल सकता है. उन्होंने अपना पूरा जीवन संगीत को समर्पित कर दिया था और कई अभिनेत्रियों को अपनी आवाज दी.

उनकी आवाज ने बहुत सी नायिकाओं, गीतकारों और अनेकों संगीतकारों के करियर को एक नया आयाम दिया है. लता मंगेशकर की आवाज के सिर्फ भारत में ही नही विश्वभर में करोड़ों दीवाने हैं. और आज उन्हें दुनियाभर  श्रद्धांजलि मिल रही है.

लता दीदी के सम्मान में जारी हो डाक टिकट: 

लोग अपने-अपने अनोखे तरीके से स्वर कोकिला को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इसी क्रम में राजस्थान के धौलपुर से एक खबर मिली है. मशहूर टिकट संग्रहकर्ता अजय गर्ग ने बताया कि भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर के संगीत के क्षेत्र में दिए अद्भुत योगदान को देखते हुए सेंट टोम ई प्रिंसिपे नामक छोटे से देश ने 2009 में उनके उनके 80वें जन्मदिन पर एक खास स्मारक डाक टिकट जारी किया था.  

लता दीदी के लिए जारी किया गया टिकट

अजय चाहते है कि भारत मे भी लता मंगेशकर पर एक डाक टिकट जारी होनी चाहिए. जनमानस की भावनाओं को देखते हुए लता दीदी के सम्मान में डाक टिकट जारी होना और लोगों का उस टिकट को उपयोग मे लेना ही उन्हें 150 करोड़ भारतवासियों की ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी. 

तैयार किया डिज़ाइन: 

अजय गर्ग ने लता मंगेश्कर के ऊपर डाक टिकट जारी करने के लिए स्वयं एक डिजाइन भी तैयार किया है. जिसे उन्होंने ईमेल के माध्यम से भारतीय डाक विभाग और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है. अब देखना यह है कि क्या अजय का यह सपना पूरा हो पायेगा. 

आपको बता दें कि मधुर आवाज की धनी लता मंगेशकर का करियर 1942 में शुरू हुआ और सात दशकों तक चला. उन्होंने लगभग 32 भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए. उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. 

(धौलपुर से उमेश मिश्रा की रिपोर्ट)