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मिलिए देश के पहले All-Women Rock Band से...जो म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स की जगह किचन के बर्तन से बनाते हैं संगीत

लखनऊ का एक महिला रॉक संगीत बैंड अपनी शैली और संगीत दोनों के माध्यम से ट्रेंड सेट कर रहा है. लखनऊ का मेरी जिंदगी रॉक बैंड सामाजिक मुद्दों को प्रकाश में लाते हुए बदलाव की आवाज बनने का प्रयास कर रहा है.

Meri Zindagi Rock Band Meri Zindagi Rock Band

जब भी आप किसी म्यूजिकल बैंड को देखते हैं या उसकी कल्पना करते हैं तो आपके सामने जो इमेज बनकर आती हैं वो एक पुरुष की ही होती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे रॉक बैंड से परिचित कराएंगे जिसमें काम करने वाली सारी ही महिलाएं हैं. ये है लखनऊ का 'Meri Zindagi' म्यूजिक बैंड. यह भारत का पहला महिला मिशन रॉक बैंड है. ये महिलाएं अपने गानों के माध्यम से 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', लड़कियों के लिए पढ़ाई कितनी जरूरी है, ऐसे ही सभी मिशन के बारे में जागरूकता फैलाकर अपने सामाजिक दायित्व को पूरा करना चाहती हैं. अपने योगदान को आगे बढ़ाते हुए बैंड पहले ही कई लड़कियों की शिक्षा का जिम्मा ले चुका है. 

एक ऐसे समाज में जहां गानों में जल्दी फेम पाने के लिए महिलाओं को सेक्सुअलाइज किया जाता है, इन महिलाओं ने ऐसे गीत लिखना चुना जो महिला सशक्तीकरण में योगदान देते हैं. ऐसी दुनिया में जहां रॉकस्टार अक्सर मंच पर मेट गाला सेलिब्रिटीज की तरह कपड़े पहनते हैं, उन्होंने पारंपरिक साड़ी पहनना चुना. एक ऐसी दुनिया में जहां निरर्थक तुकबंदी वाले गाने अक्सर चार्टबस्टर्स में जगह बना लेते हैं इन महिलाओं ने सामाजिक बुराइयों को उजागर करने वाले सार्थक गीतों से सभी का दिल जीता.

कैसे आया आइडिया
इस सफर की शुरुआत दो से तीन महिलाओं के साथ हुई थी. इसकी संस्थापक डॉ. जया तिवारी ने GNT Digital को बताया, ''पहले हमने तय किया कि लड़कियों की दिक्कतों को लेकर सोसाइटीज में जाएं और गाने के माध्यम से उन्हें लोगों तक पहुंचाएं. फिर हमें और कुछ लोग मिले जिनके साथ हमारे विचार मैच करे. ये वही लोग थे जो ऐसे मुद्दों को कहीं न कहीं झेल रहे थे. वहीं से बैंड का प्रपोजल आया. ये आइडिया जया का था जिसे उन्होंने अन्य महिलाओं के सामने रखा. धीरे-धीरे इससे लोग जुड़ने लगे.''

जया कहती हैं कि बैंड का मकसद लड़कियों की आवाज को म्यूजिकली उठाना था क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर संगीत के माध्यम से आप कोई चीज शुरू करते हैं तो उसका असर जल्दी होता है. इस दौरान उन्होंने कई सामाजिक मुद्दों पर गाने बनाए. जया ने कहा, ''हमारा पहला टारगेट Female Foeticide (कन्या भ्रूण हत्या) था. इसके बाद बच्चियों की सुरक्षा का मुद्दा आया. तो कुल मिलाकर जो भी समाज में हम समस्याएं देखते हैं उन्हीं को लेकर मैं गाने लिखती हूं और फिर पूरा बैंड मिलकर इसपर धुन तैयार करता है.'' इस तरह धीरे-धीरे लोगों तक हमारी बात पहुंचने लगी और लोग जानने और तारीफ करने लगे. जब बैंड की शुरुआत हुई थी तब लगभग सभी लोग पढ़ाई कर रहे थे. जया उस समय कहीं काम कर रही थीं. सुबह की जैमिंग के बाद सभी अपने काम के लिए वापस निकल जाते थे.

50 से ज्यादा शहरों में कर चुकी हैं परफॉर्म
इस बैंड में अब कुल पांच महिलाएं हैं. ये सभी होममेकर हैं लेकिन जब ये मंच पर उतरती हैं तो रंग जमा देती हैं. इस बैंड की शुरुआत साल 2010 में जया तिवारी ने मामूली संसाधनों के साथ की थी. यह बैंड अब तक 50 से ज्यादा शहरों में 550 से अधिक कंसर्ट कर चुका है. इसकी बढ़ती लोकप्रियता न केवल इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे भारत का पहला पूर्ण महिला संगीत बैंड हैं, बल्कि उनके सिद्धांतों के कारण भी ये काफी फेमस हुआ.

जया कहती हैं, "हमने हमेशा लड़कों को एक बैंड के रूप में मंच पर प्रदर्शन करते देखा है, लड़कियां अगर दिखती भी हैं तो हमेशा एक कोने में खड़ी रहती हैं. इसने मुझे एक पूर्ण महिला बैंड को इकट्ठा करने के लिए प्रेरित किया और इस तरह यह बैंड अस्तित्व में आया."

उन्होंने आगे कहा, "कई महिला बैंड हो सकते हैं लेकिन हमारा एक मिशन है, हम मनोरंजन के लिए प्रदर्शन नहीं करते हैं, हमारी प्रस्तुति महिलाओं और लड़कियों को उनकी जन्मजात शक्ति के बारे में जागरूक करने और उन्हें इसका उपयोग करने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करती है. हमारा मानना ​​है कि निरंतर प्रयास यहां तक ​​कि हम सितारे भी हासिल कर सकते हैं." ये महिलाएं बिना किसी पारंपरिक म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के संगीत बजाती हैं और फिर भी उनका संगीत श्रोताओं को बांधे रखता है.

रसोई के बर्तनों का किया इस्तेमाल
जया कहती हैं, ''लोकप्रिय होने, डिमांडिंग होने और अच्छे पैसे मिलने के बावजूद, हम बॉलीवुड गाने नहीं गाते. हम केवल वही गाने प्रस्तुत करते हैं जो हम लिखते और कंपोज करते हैं. सामाजिक परिवर्तन हमारी प्रेरणा रही है, पैसा नहीं. हम कभी भी ऐसे गीतों का प्रचार नहीं करेंगे जिनमें महिलाओं का अपमान या कामुकता हो.'' बॉलीवुड गानों के प्रदर्शन के लिए राजी होकर तुरंत पैसा कमाने का विकल्प चुनने के बजाय, बैंड के सभी सदस्य वित्तीय स्थिरता के लिए नौकरी करते हैं और इसके साथ-साथ संगीत और सामाजिक परिवर्तन के प्रति अपने जुनून को भी पूरा करते हैं. शुरुआती दिनों में इन्होंने म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स की जगह रसोई के बर्तनों का इस्तेमाल किया. घर का काम करते समय ये महिलाएं अपने गीतों के बोल और लय सोचती थीं और बाद में इसी पर गाना बना देती थीं. 

सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अपने अभूतपूर्व कार्य के लिए, बैंड को सरकारी, सामाजिक और निजी संगठनों से कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं. बैंड को 1090 वूमेन पावर हेल्पलाइन, महिला सम्मान सेल और महिला बाल कल्याण विभाग के लिए एक गीत बनाने का श्रेय दिया जाता है, जिसे स्वयं मुख्यमंत्री ने लॉन्च किया था. हाल ही में, बैंड ने कश्मीर में भारतीय सेना के लिए भी परफॉर्म किया था. इसके अलावा सरकार की तरफ से उनको कई प्रोजेक्ट मिले जो महिलाओं की हेल्थ पर, एजुकेशन आदि विषयों पर उन्हें गाने के लिए इन्वाइट करते थे.

पार्क में जाकर करते थे प्रैक्टिस
जया लखनऊ की ही रहने वाली हैं. जया ने कहा, "हम अपने दर्शकों को सकारात्मक विचारों से प्रेरित करने का प्रयास करते हैं, हमारे गाने प्रेरणादायक और भावुक हैं. हमारे सभी गाने महिला सशक्तिकरण, साक्षरता और गर्ल चाइल्ड वेल्फेयर जैसे सामाजिक मुद्दों पर आधारित हैं. हमारे संगीत के साथ-साथ हम यहां तक ​​कि लोगों की मदद करने का भी प्रयास करते हैं." इन महिलाओं को प्रैक्टिस करने के लिए एक शांत जगह को ढूंढ़ने के लिए भी कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. घर में इसलिए जैमिंग नहीं की जा सकती थी क्योंकि दूसरों को इससे डिस्टर्ब होता इसलिए ये लोग पब्लिक पार्क में जाकर प्रैक्टिस करते थे.

जया के गाने 'ढूंढों खुद को खुद से' और 'टैंपो रिक्शा' काफी ज्यादा वायरल हुए. लोगों ने इसे काफी पसंद किया. इसके अलावा कई NGO's भी उन्हें अपने प्रोजेक्ट देते हैं. जया ने स्मार्ट स्टडीज, वाटर सेविंग, नो स्मोकिंग आदि विषयों पर भी गाने लिखे हैं. जया ने बताया कि उनका संगीत भारतीय और पश्चिमी संगीत का मिश्रण होता है. बैंड किसी मुद्दे को उजागर करने के लिए रैप संगीत का उपयोग भी करता है. इसके अलावा वो उत्तर प्रदेश के लोक संगीत से भी प्रेरणा लेते हैं. इस बैंड का हर गाना महिलाओं के मुद्दों को उजागर नहीं करता है. इसके अलावा वो जल संकट, प्रदूषण और तंबाकू के उपयोग के बारे में भी गीत बनाते हैं. जया ने कहा कि हमारा बैंड महिलाओं के मुद्दों को उठाता है, इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी भी तरह से 'पुरुष विरोधी' हैं. इस तरह बैंड विदेश में भी अपनी एक अच्छी पहचान बना चुका है. बीबीसी लंदन, ऑस्ट्रेलिया न्यूज और मॉर्निंग पोस्ट नाम से चीन का एक बहुत पुराना अखबार है, वो भी इस कवर कर चुका है.

महिलाओं के लिए एक मैसेज
हमारा ये एक आम सा बैंड है जिसकी खास सी सोच है. जिसमें बराबरी सिर्फ कहने की ना हो बराबरी होने जैसी बराबर हो. अभी बहुत सारी महिलाओं की भी सोच बदलना जरूरी है. वो महिलाएं जो पद के पीछे भागती हैं, उनको मजे से अपना काम करना चाहिए जब तक उनका मन हो. अपने आपको अपडेट करना चाहिए और सोसाइटी में हर महिला को एक-दूसरे का सपोर्ट करना चाहिए.