एक अजब गजब मामला सामने आया है. पुलिस ने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से एक 68 साल के बुजुर्ग को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए 68 साल के बुजुर्ग आरोपी अनिल कटियाल द्वारा फर्जीवाड़ा कर गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में अधिकारियों को झांसे में लेने का आरोप है. आरोपी बुजुर्ग दिल्ली के ग्रेटर 1 इलाके का रहने वाला है. बुजुर्ग ने खुद को मणिपुर कैडर का 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और एमएचए का सिक्योरिटी सलाहकार बताकर न सिर्फ पुलिस कमिश्नर और पुलिस उपायुक्त (ट्रांस-हिंडन) निमिष पाटिल से मुलाकात की बल्कि एक केस के सिलसिले में पैरवी भी की. डीसीपी और सीपी के पीआरओ पर भी खुद को पूर्व डीजी रैंक का अधिकारी बताकर रौब भी दिखाया.
बताया गया है कि फर्जी आईपीएस अधिकारी ने सीबीआई के हेड को अपना बैचमेट बताने के साथ ही, कई आईबी अधिकारियों और देश के विभिन्न राज्यों के पूर्व डीजीपी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों अपना दोस्त बताकर पुलिस कमिश्नर को गुमराह किया. शक के बाद की गई जांच के आधार पर बुजुर्ग का फर्जीवाड़ा सामने आने पर डीसीपी ट्रांस हिंडन के पीआरओ ने आरोपी बुजुर्ग और उसके साथी 69 साल के विनोद कपूर के खिलाफ साहिबाबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. अब दोनों की गिरफ्तारी की गई है.
क्या है पूरा मामला?
साहिबाबाद थाने में दर्ज कराई एफआईआर में डीसीपी ट्रांस हिंडन के पीआरओ नीरज राठौर ने शिकायत की. इसमें कहा गया कि 14 नवम्बर शाम 4:39 बजे उनके सीयूजी नंबर पर एक कॉल आई. कॉल करने वाले शख्स ने अपना परिचय साल 1979 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अनिल कटियाल के रूप में दिया.
साथ ही बताया कि वह मणिपुर कैडर के डीजी रैंक के अधिकारी रहे हैं. उन्होंने आईबी में अपनी सेवाएं दी हैं. वर्तमान में वह एमएचए में सिक्योरिटी सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. अनिल कटियाल ने इंदिरापुरम थाने में दर्ज एक धोखाधड़ी के केस के आरोपी विनोद कपूर की पैरवी करते हुए जांच अधिकारी प्रमोद हुड्डा पर विवेचना में अनियमितता बरतने के आरोप लगाए.
अनिल कटियाल ने इंदिरापुरम पुलिस पर विनोद कपूर को 1 अक्टूबर को हरियाणा से अवैध रूप से हिरासत में लेने का आरोप लगाते हुए घेरने की कोशिश की. साथ ही इस कृत्य के लिए उन्होंने इंदिरापुरम पुलिस के खिलाफ बीएनएस की धारा 140 (1) के तहत केस दर्ज कर आजीवन कारावास की सजा कराए जाने की धमकी दी.
फर्जीवाड़ा पता किया गया
पीआरओ का कहना है कि जब उन्होंने उक्त केस के संबंध में गिरफ्तार फर्जी आईपीएस अनिल कटियाल के बारे में जानकारी की तो फर्जीवाड़े का पता चला. फर्जी आईपीएस अनिल कटियाल द्वारा इंदिरापुरम थाने में पूर्व में दर्ज एक केस में पैरवी की और पुलिसकर्मी और अधिकारियों को धमकाया गया और धोखाधड़ी की गई. और जांच अधिकारियों पर सही जानकारी न देने और सहयोग न करने की शिकायत की. खुद को रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बताने के बाद दबाव के चलते अधिकारियों द्वारा पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी कर दी गई थी.
कौन है अनिल कटियाल?
गिरफ्तार अनिल कटियाल से पूछताछ करने पर यह भी पता चला कि अभियुक्त अनिल कटियाल के परिवार में उनके पिता एक आईआरएस अधिकारी रहे हैं और उसके चचेरे भाई भी एक पुलिस अधिकारी रहे हैं. इसके कारण उसकी अधिकारियों से शुरुआत से ही जान पहचान बनती गई. सेंट स्टीफन्स कॉलेज में पढ़ाई के दौरान बने मित्रों में से यू.पी.एस.सी परीक्षा पास कर बने अधिकारियों के साथ दोस्ती बढ़ाकर अन्य अधिकारियों के साथ उठना बैठना शुरू किया. अभियुक्त अनिल कटियाल मूल रूप से W-153 जीके फस्ट, न्यू दिल्ली का निवासी है. पिता स्व० चेतराम कटियाल एक आईआरएस अधिकारी रहे हैं.
अनिल कटियाल की प्राथमिक पढ़ाई सेंट कोलम्बस स्कूल तथा कॉलेज की पढ़ाई सेंट स्टीफन्स कॉलेज में साल 1973 से 1978 तक हुई है. इसके उपरांत अनिल कटियाल ने साल 1979 में UPSC की परीक्षा दी, जिसमें यह असफल रहा. साल 1979 में पीएचडी की पढ़ाई करने के लिए यह येल यूनिवर्सिटी, USA गया और साल 1980 में पीएचडी की पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत वापस आ गया. उसके बाद अनिल कटियाल साल 1980 से 2000 तक हिन्दुस्तान लीवर कम्पनी में प्रबंधक के पद पर कार्यरत रहा तथा साल 2000 से 2005 तक यामाहा कम्पनी में चीफ जनरल मैनेजर के पद पर नियुक्त रहा. साल 2005 से 2015 तक वोडाफोन कंपनी में वाइस प्रेसिडेन्ट, कॉरपोरेट अफेयर्स के पद पर कार्य करते हुए रिटायर हुआ. इसके बाद से ही अभियुक्त अनिल कुटियाल ने लोगों को अपना परिचय 1979 बैच का आईपीएस देकर ठगना शुरू किया. अनिल पिछले कई सालों से ये यूपी, दिल्ली, हरियाणा और ना जाने कहां कहां फर्जी आईपीएस बनकर कितने ही लोगों को चूना लगा चुका है.
जान पहचान का उठाया फायदा
आरोपी के वोडाफोन में कॉर्पोरेट अफेयर्स में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत होने के दौरान उसकी कई आईएएस, आईपीएस और अन्य उच्च अधिकारियों से जान पहचान बनती गई. इस सभी जान पहचान का फायदा उठाकर अभियुक्त अनिल कटियाल ने अपने आप को 1979 बैच का आईपीएस अधिकारी बताना शुरू किया और सरकार के अलग-अलग विभागों/कार्यालयो से धोखाधड़ी से दलाल एवं लाइज्नर के रूप में काम कराना शुरू किया. आज दोनों को गिरफ्तार किया गया है और दोनों आरोपियों के बारे में और ज्यादा जानकारी पुलिस द्वारा जुटाए जा रही है.
(मयंक गौड़ की रिपोर्ट)