
कहते हैं कि माता-पिता हर मुमकिन कोशिश करते हैं कि वे अपने बच्चों की सभी ख्वाहिशें पूरी करें. इसी तरह बच्चे भी सपने देखते हैं कि जब वे अपने पैरों पर खड़े होंगे तो अपने माता-पिता को हर मुमिकन सुविधा और खुशियां देंगे. दिल्ली के रहने वाले एक एस्ट्रोनॉमर, आर्यन मिश्रा ने अपना कुछ ऐसा ही सपना पूरा किया है. आर्यन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की. पोस्ट के साथ एक तस्वीर थी जिसमें वह अपने माता-पिता के साथ नई दिल्ली के प्रतिष्ठित आईटीसी मौर्य होटल में डिनर कर रहे थे.
पिता थे सिक्योरिटी गार्ड
आर्यन का अपने माता-पिता को आईटीसी होटल में डिनर कराना उनके लिए बहुत बड़ी बात थी. क्योंकि आर्यन के पिता ने साल 1995 से 2000 तक इसी होटल में बतौर चौकीदार काम किया था. अपने पोस्ट में, आर्यन ने लिखा, "मेरे पिता 1995-2000 तक नई दिल्ली में आईटीसी में चौकीदार थे; आज मुझे उन्हें डिनर के लिए वहीं पर ले जाने का मौका मिला." तस्वीर में आर्यन के माता-पिता के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी.
सोशल मीडिया पर आर्यन की पोस्ट को खुब सराहा जा रहा है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने आर्यन की पोस्ट को फिर से शेयर करते हुए कैप्शन दिया: "आज दुनिया में व्याप्त तमाम अराजकता के बावजूद, जीवन अभी भी सुंदर है। और यहां इसका प्रमाण है..." अब बहुत से लोग आर्यन की पोस्ट पर कमेंट करके उनकी सराहना कर रहे हैं.
कौन हैं आर्यन मिश्रा?
अशोक विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र, आर्यन मिश्रा एक खगोलशास्त्री और एस्ट्रोस्केप के संस्थापक हैं. जून 2022 में स्थापित एस्ट्रोस्केप ने 10 राज्यों में 200 से ज्यादा एस्ट्रोनोमी लैब्स सफलतापूर्वक स्थापित की हैं. प्राथमिक और उच्च प्राथमिक ग्राम पंचायत स्कूलों में स्थापित इन लैब्स का उद्देश्य जमीनी स्तर पर बच्चों को मन में अंतरिक्ष के बारे में जिज्ञासा जगाना है.
यह पहल बच्चों में कम उम्र से ही वैज्ञानिक स्वभाव को विकसित करने पर फोकस करती है. लैब्स में बच्चों को हैंड्स-ऑन एक्सपीरियंस मिलता है जिससे उनकी समझ बढ़ती है और उनके मन में ज्यादा जानने की इच्छा होती है. इसके अतिरिक्त, इन लैब्स का लक्ष्य स्कूलों और लोकल लोगों के बीच संबंध को मजबूत करना, ज्ञान और अन्वेषण के लिए एक साझा स्थान बनाना है.
आपको बता दें कि आर्यन ने 14 साल की उम्र में एक क्षुद्रग्रह की खोज की थी. आर्यन को बचपन से ही विज्ञान में गहरी दिलचस्पी रही. उनके घर की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी लेकिन फिर भी आर्यन ने अपनी राह बना ली. अशोका यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने स्कूलों में एस्ट्रोनोमी लैब्स सेट-अप करना शुरू कर दिया था ताकि बच्चे प्रैक्टिकल्स के साथ साइंस पढ़ें.
क्या-क्या होता है एस्ट्रोनोमी लैब में
द बेटर इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस एस्ट्रोनोमी लैब में चार दूरबीन और 25 प्लैनिस्फेयर होते हैं. प्लैनिस्फेयर एक उपकरण होता है जिसमें दो डिस्क हैं जो स्टार चार्ट दिखाती हैं जिससे सितारों और नक्षत्रों को पहचानने में मदद मिलती है. बाकी फीचर्स में मून मैपिंग कैटेलॉग, खगोलविदों की जीवनियां और तस्वीरें, आकाशगंगा के पोस्टर, ग्रहों के उदय और अस्त होने की समय सारिणी आदि शामिल हैं. लैब सेट-अप की प्रक्रिया में एक सप्ताह तक का समय लगता है और आर्यन शिक्षकों को स्काईवॉचिंग, टेलीस्कोप के उपयोग, प्लैनिस्फेयर, चंद्रमा मानचित्रण आदि पर 3-दिवसीय प्रशिक्षण देते हैं.