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असम के चाय उद्यमी ने बनाई Eco- Friendly पैकेजिंग, मिट्टी में दबाने पर पौधे में बदल जाएगा चायपत्ती का पैकेट

असम में विशेष चाय के उत्पादन के लिए मशहूर चाय निर्माता रंजीत बरुआ के पास 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है. बरुआ ने इस क्षेत्र में अपने जुनून के कारण गुवाहाटी में स्थित एक चाय उत्पादक कंपनी Aromica Tea की स्थापना की.

Plantable Tea Packet Plantable Tea Packet
हाइलाइट्स
  • Aromica Tea कंपनी के फाउंडर हैं रंजीत बरुआ

  • बनाई इको-फ्रैंडली पैकेजिंग

दुनियाभर में जंगल कम हो रहे हैं. जिसका सीधा प्रभाव पर्यावरण पर पड़ रहा है. सरकार और प्रशासन की तमाम कोशिशें इस दिशा में जारी हैं लेकिन सही मायनों में बदलाव तब आएगा जब आम नागरिक इन अभियानों से जुड़कर काम करेंगे. हालांकि, बहुत से लोग ऐसा कर भी रहे हैं और न सिर्फ दूसरे लोगों को बल्कि प्रशासन को भी दिशा दे रहे हैं.  

आज हम आपको ऐसे ही एक युवा के बारे में बता रहे हैं जो अपने स्तर पर पर्यावरण को सहेजने पर काम कर रहा है. यह कहानी है असम के एक चाय उद्यमी की. जो प्रकृति को ध्यान में रखते हुए अपने बिजनेस के चला रहा है. उन्होंने प्लास्टिक के पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को ढंग से समझा है. 

बनाया प्लांटेबल पैकेट

 

Ranjit Baruah (Photo: Aromica Tea)


 
असम के चाय उद्यमी रंजीत बरुआ ने एक खास शुरूआत की है. उन्होंने अपनी चाय के लिए इको-फ्रैंडली पैकेजिंग बनाई है. वह अपनी चाय को ऐसे पैकेट में पैक कर रहे हैं जिसे आप मिट्टी में बो सकते हैं. यह पैकेट प्लांटेबल पेपर से बना होता है. जो बायोडिग्रेडेबल इको-पेपर होता है और इसमें बीज लगे होते हैं.  

जब इस पैकेट को मिट्टी में लगाया जाता है, तो बीज उगते हैं और कागज खाद बन जाता है. अब तक प्लांटेबल पेपर का इस्तेमाल शादी के निमंत्रण, स्मारक उत्पाद या गोद भराई के निमंत्रण के लिए किया जाता था, लेकिन देश के इस हिस्से में शायद यह पहली बार है कि किसी ने इको-पेपर के साथ चाय का पैकेट बनाया है. 

बिहू के दिन किया लॉन्च

असम के सबसे बड़े त्योहार रोंगाली बिहू के पहले दिन 'रोंगाली-द स्प्रिंग टी' नाम से चाय का पैकेट लॉन्च किया गया. रोंगाली बिहू प्रतिवर्ष अप्रैल के दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है, जो उत्सव, खुशी और वसंत के आगमन का प्रतीक है. उनका कहना है कि जलवायु परिवर्तन हर महाद्वीप पर हर देश को प्रभावित कर रहा है. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को बाधित कर रहा है और जीवन को प्रभावित कर रहा है. 

दुनिया भर में हर साल 15 अरब पेड़ काटे जाते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2030 और 2050 के बीच, जलवायु परिवर्तन से कुपोषण, मलेरिया, डायरिया और गर्मी के तनाव से प्रति वर्ष लगभग 250000 अतिरिक्त मौतें होने की संभावना है. रंजीत बरुआ कहते हैं कि बूंद समुद्र बनाती हैं और अगर हर कोई कम से कम एक पेड़ लगाना शुरू कर दे, तो यह दुनिया को फिर से एक बेहतर जगह बन जाएगी. 

बनाई 'जेलेंस्की टी'

Aromica Zelenskyy Tea (Photo: Aromica Tea)

रंजीत के स्टार्टअप का नाम अरोमिका टी है और समय-समय पर वह अलग-अलग तरह की चाय लॉन्च करते रहते हैं. हाल ही में, उन्होंने रूसी आक्रमण के सामने घुटने न टेकने वाले यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के नाम पर "उनकी वीरता और साहस का सम्मान" करने के लिए एक सीटीसी चाय लॉन्च की. 

इससे पहले वह ब्रेल फ्रेंडली पैकेजिंग भी लॉन्च कर चुके हैं ताकि आंखो से दिव्यांग लोगों को परेशानी न हो. और अब वह पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं. आज जब दुनिया इंसान के स्वार्थ के कारण विनाश की ओर बढ़ रही है, रंजीत बरुआ जैसे लोगों के प्रयास निश्चित रूप से काबिल-ऐ-तारीफ हैं. 

(पल्लव कुमार बोरा की रिपोर्ट)