scorecardresearch

Australia Work Law: ऑस्ट्रेलिया में खत्म होगा Boss Culture! शिफ्ट के बाद जरूरी नहीं होगा बॉस के कॉल और मेल का जवाब देना

right to disconnect: क्या आपको भी ऑफिस के बाद बॉस की कॉल या मीटिंग मजबूरी में अटैंड करनी पड़ती है? भारत का तो पता नहीं लेकिन ऑस्ट्रेलिया में काम करने वाले लोग इससे जल्द ही आजाद हो जाएंगे.

right to disconnect law right to disconnect law
हाइलाइट्स
  • शिफ्ट के बाद काम नहीं ले सकती कंपनियां

  • ऑफिस के बाद बॉस का फोन उठाना जरूरी नहीं

बहुत से लोग होंगे जो शिफ्ट खत्म होने के बाद भी ऑफिस कॉल्स और मीटिंग में उलझे रह जाते हैं. कई लोगों को तो घर जाने के बाद भी बॉस के मेल या कॉल का रिस्पॉन्स करना पड़ता है. भारत में इसे लेकर बेशक कोई कानून न हो लेकिन ऑस्ट्रेलिया (Australia) की संसद में कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए नया कानून लाया जा रहा है. श्रम और रोजगार मंत्री टोनी बर्की (Tony Burke) ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार किया है.

बॉस पर लग सकता है जुर्माना
इस कानून के तहत शिफ्ट खत्म होने के बाद कर्मचारी को बॉस की कॉल अटैंड करना जरूरी नहीं होगा. आसान भाषा में कहें तो अगर आपकी शिफ्ट पूरी हो गई है तो कोई आपको काम के लिए मजबूर नहीं कर सकेगा. कर्मचारी अपनी ड्यूटी के बाद ऑफिस का काम करने के लिए बाध्य नहीं रहेगा. इतना ही नहीं अगर ऑफिस के बाद अगर कोई बॉस अपने इम्पलॉई से काम कराता है तो उसपर जुर्माना भी लगाया जाएगा. जुर्माने की रकम एक पैनल तय करेगा. इतना ही नहीं इम्पलॉई के पास बॉस के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार भी होगा.

इन देशों में मौजूद है ये कानून
नया कानून कर्मचारियों को अनपेड ओवर टाइम (unpaid overtime) करने से रोकता है और "डिस्कनेक्ट करने का अधिकार" (right to disconnect) देता है. बता दें, ऑस्ट्रेलिया में बॉस कल्चर को खत्म कर वर्क-लाइफ बैलेंस करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी. कर्मचारियों को अपने डिवाइस बंद करने का अधिकार देने वाले इस तरह के कानून फ्रांस (France), स्पेन (Spain) और यूरोपीय संघ (Europian Union) के अन्य देशों में पहले से ही मौजूद हैं. 

सम्बंधित ख़बरें

शिफ्ट के बाद काम नहीं ले सकती कंपनियां
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज (Anthony Albanese) ने इससे पहले कहा था, देश की कंपनियों और सरकारी विभागों को कानून का पालन करना होगा. अगर किसी को 24 घंटे काम के लिए वेतन नहीं दिया जा रहा है तो उसे 24 घंटे मौजूद रहने के लिए भी नहीं कहा जा सकता है. हम जानते हैं कि ड्यूटी के बाद काम करने से टेंशन पैदा होता है, हेल्थ खराब होती है और रिश्ते भी बिगड़ते हैं.

टाइम इज योर्स  नॉट योर बॉस
वामपंथी विचारधारा वाली ग्रीन्स (Greens) पार्टी ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा, ऑस्ट्रेलियाई लोग हर साल औसतन छह सप्ताह ओवरटाइम करते हैं और इसके लिए उन्हें अलग से कोई वेतन भी नही दिया जाता. ये पूरी अर्थव्यवस्था में अनपेड सैलरी के 92 बिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (60.13 बिलियन डॉलर) से ज्यादा के बराबर है. अब बिना पैसे के ओवरटाइम नहीं कराया जा सकता. 'फ्री समय आपका है, आपके बॉस का नहीं.'