
बैसाखी, लोकप्रिय फसल उत्सव या कहें कि सिख नव वर्ष 14 अप्रैल, 2023 को मनाया जाएगा. बैसाखी को 'वैसाखी' या 'बसोआ' के नाम से भी जाना जाता है और आमतौर पर वैशाख महीने के पहले दिन मनाया जाता है, जो 13 या 14 अप्रैल को पड़ता है. बैसाखी मुख्य रूप से उत्तरी भारत में मनाई जाती है, जो वसंत की फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है. यह बहुत ही महत्वपुर्ण त्योहार है और इस दिन बहुत अलग-अलग तरह के पकवान और व्यंजन भी बनाए जाते हैं.
मीठे पीले चावल
मीठे पीले चावल या मीठे चावल, आमतौर पर बैसाखी के अवसर पर तैयार किए जाने वाले कई व्यंजनों में से एक हैं. चावल को सूखे मेवों के साथ इलायची, लौंग और जीरा पाउडर जैसे मसालों के साथ पकाया जाता है. चावल को चमकदार बनाने के लिए केसर भी मिलाया जाता है.
पंजाबी कढ़ी
पंजाबी कढ़ी एक पारंपरिक व्यंजन है. कढ़ी दही या छाछ से बनाई जाती है और इसमें बेसन से बने पकौड़े भी डाले जाते हैं. हालांकि, हर किसी का कढ़ी बनाने का तरीका अलग-अलग हो सकता है. कढ़ी को आमतौर पर चावल के साथ सर्व किया जाता है.
कड़ा प्रसाद
कड़ा प्रसाद, जिसे आमतौर पर आटा के हलवे के नाम से भी जाना जाता है, सामान्य रूप से सिख धर्म से जुड़ा एक पारंपरिक व्यंजन है. धार्मिक समारोहों और गुरुद्वारे में भक्तों को कड़ा प्रसाद बांटा जाता है. कड़ा प्रसाद का सिख धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसे गेहूं के आटे से बनाया जाता है.
सरसों का साग
सरसों का साग और मक्के की रोटी पंजाब और पंजाबी भोजन का अभिन्न हिस्सा हैं. बैसाखी के मौके पर सरसों का साग और मक्के की रोटी बनाई जाती है.
पिंडी छोले
पिंडी चना या छोले एक और स्वादिष्ट पारंपरिक व्यंजन हैं जो बैसाखी पर बनाए जाते हैं. इन छोलों का मसालों अलग तरह से बनाया जाता है और इनका एक गाढ़ा पेस्ट पिंडी छोलों में मिलाया जाता है.