यह कहानी है 11 साल की मासूम आस्था की जो वैसे तो नेत्रहीन हैं लेकिन लोग उन्हें 'Google' कहते हैं. वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. आंखों से दिव्यांग आस्था कभी स्कूल नहीं गईं. ऊपर वाले ने आस्था को स्वस्थ शरीर तो दिया लेकिन पूर्ण विकसित दिमाग नहीं. पर कहते हैं न कि भगवान कुछ लेता है तो कुछ खास देता भी है.
आस्था के पास भी ऐसी ही एक खास खूबी है. सब कुछ याद रखने की खूबी. चाहे कोई स्टेशन हो या, कोई भी तारीख, यह बच्ची तुरंत बता देती है. किसी भी बीते या आने वाले किसी भी साल की कोई भी तारीख का दिन पूछ लें, या कोई त्योहार की तारीख, किसी खास दिन की तारीख, आस्था गुगल की तरह तुरंत बता देती है. ट्रेन से जहां भी गई है, रास्ते के हर स्टेशन के नाम भी वह बिना रुके सरपट बता देती है.
प्री-मैच्योर बेबी है आस्था
आस्था की मां, ज्योति डहरवाल बताती हैं कि उनकी बेटी जन्म से ही ब्लाइंड है और आस्था एक प्रीमेच्योर बच्ची है. 5 माह के गर्भ में ही उसका जन्म हो गया था. ज्योति का कहना है कि साल 2017 में उन्हें इस बात का पता चला कि उसे इस या पिछले साल ही नहीं, आने वाले कई सालो तक की तारीखें, वार और त्योहार भी पता हैं. शायद भगवान ने कुछ नही दिया तो यह विलक्षण प्रतिभा आस्था को दी है.
(अतुल वैद्य की रिपोर्ट)