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बनारस जल्द बनेगा देश का पहला भिक्षामुक्त शहर, यहां भिखारी ढूंढकर लाने पर मिलता है 1000 का इनाम

बेगर्स कॉरपोरेशन ने 2027 तक वाराणसी को भिक्षा मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. 'बेगर्स कारपोरेशन' नाम की कंपनी इन दिनों काशी की गलियों, गंगा घाटों, पर्यटन स्थलों और धार्मिक स्थलों के आसपास नजर आ रही है.

हाइलाइट्स
  • भिखारी ढूंढकर लाओ और 1000 रुपए पाओ

  • बेकर्स कारपोरेशन ने 2027 तक वाराणसी को भिक्षामुक्त करने का रखा है लक्ष्य

सरकार और प्रशासन की ओर से तमाम कोशिशों और दावों के बावजूद भी सड़कों, गलियों, पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर भिखारी भीख मांगते हुए दिख ही जाते हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद इनकी संख्या में कमी नहीं आ रही है लेकिन अब वाराणसी को भिखारी मुक्ति शहर बनाने का जिम्मा उठाया है एक कंपनी बेगर्स कॉरपोरेशन ने. 

भिखारी खोज कर लाने वाले को 1 हजार का इनाम
भिखारियों को कंपनी तक लाने वालों को ये कंपनी इनाम भी देती है. कंपनी के युवा कर्मचारी और वॉलेंटियर सड़कों पर उतरकर भिखारियों को अपने साथ जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहे हैं. बेगर्स कॉरपोरेशन ने 2027 तक वाराणसी को भिक्षा मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. 'बेगर्स कारपोरेशन' नाम की कंपनी इन दिनों काशी की गलियों, गंगा घाटों, पर्यटन स्थलों और धार्मिक स्थलों के आसपास नजर आ रही है. कंपनी के अधिकारी और युवा वालेंटियर भिखारियों को समझाकर उन्हें रोजगार के अवसर दिलाते हैं ताकि इन भिखारियों को भी सम्मान जीने का मौका मिल सके.

भिखारियों को ट्रेनिंग देती है बेगर्स कॉरपोरेशन
कंपनी के ऑपरेशन डायरेक्टर देव ने GNT से बातचीत में बताया कि अगर कोई उनतक भिखारियों को लाता है तो वे प्रति भिखारी रिवार्ड के रूप में लाने वाले शख्स को एक हजार रुपए इनाम भी देते हैं. उन्होंने बताया कि वे वाराणसी को 2027 तक भिक्षा मुक्त बनाना चाहते हैं. आगे पूरी इंडिया को बैगिंग फ्री बनाना चाहते हैं. अभी तक उनकी कंपनी वाराणसी में 17 परिवारों की मदद कर चुकी है. उनकी कोई स्वंय सेवी संस्था नहीं है, बल्कि प्रॉफिट बेस कंपनी है. भिखारियों को पहले 3 महीने की ट्रेनिंग के दौरान 7 हजार रुपए महीना दिया जाता है. फिर पूरी तरह से काम करने के दौरान 11000-12000 रुपए प्रति माह बतौर वेतन दिया जाता है. वे चाहते हैं कि सरकार भिखारियों के लिए भी आधार कार्ड की तरह आईकार्ड जारी करे ताकि भीख के नाम पर चल रहे रैकेट पर रोक लगाई जा सके.

लाचारी की वजह से मांगते हैं भीख
भिखारी भी बेगर्स कॉरपोरेशन के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जता रहे हैं क्योंकि वे मजबूरी और शारीरिक लाचारी की वजह से भीख मांगने का काम करते हैं. अगर उनको मौका मिलेगा तो वे भी समाज की मुख्य धारा में जुड़ना चाहेंगे. बेगर्स कॉरपोरेशन की इस मुहिम की जमकर तारीफ की जा रही है. लोगों का कहना है कि भिखारियों को भीख न देकर सही तरीके से मदद करने की जरूरत है. भीख देने से भिक्षावृति में इजाफा होता है.