हर कोई चाहता है कि उसके पास कोई ऐसा हो जिससे वो सबकुछ शेयर कर सकता हो. ऐसे में कुछ लोग डेटिंग ऐप्स का सहारा लेते हैं. लेकिन अब डेटिंग ऐप्स की दुनिया में एक और दावेदार आया है. बेंगलुरु स्थित अव्रोज्योति दास और हर्ष स्नेहांशु ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर इसे बनाया है. ये डेटिंग ऐप 'बुकमार्क' है. इसकी मदद से वो लोग एक दूसरे से जुड़ते हैं जो किताबों से प्यार करते हैं या जिन्हें पढ़ना पसंद होता है.
बुकर लवर्स को कनेक्ट करवाता है
दिखावे, सामाजिक स्थिति या करियर पर ध्यान केंद्रित करने वाले ढेरों डेटिंग ऐप्स हैं. लेकिन ऐसा कोई ऐप नहीं है जो ऐसे लोगों को कनेक्ट करवाए जो किताबों से प्यार करते हैं. ऐसे में बुकमार्क साझा साहित्यिक रुचियों के माध्यम से संबंधों को बनाता है. इसके मेकर्स के मुताबिक, किताबों के आधार पर मिलान स्वाभाविक रूप से राजनीतिक विचारों और व्यक्तिगत सिद्धांतों जैसे कारकों को फिल्टर कर देता है.
छुपे हुए प्रोफाइल फोटो
एक चीज जो बुकमार्क को अलग बनाती है वो इसकी प्राइवेसी है. यूजर्स की प्रोफाइल इसमें तब तक छिपी रहती हैं जब तक कि आपस में लंबी बातचीत नहीं हो जाती है. विशेष रूप से, जब तक कि दो व्यक्तियों के बीच दस मैसेज का आदान-प्रदान नहीं हो जाता तबतक प्रोफाइल छिपी रहती है.
प्रोफाइल बनाने के लिए पूछे जाते हैं सवाल
प्रोफाइल बनाने पर, यूजर से किताबों से जुड़े पूछे जाते हैं जो उनकी पढ़ने की प्राथमिकताओं के बारे में बताते हैं. इसमें कई सवाल शामिल हैं. जैसे- 'एक किताब जिसे बार-बार पढ़ सकते हैं”, “एक लेखक जिससे आप नफरत करते हैं”, और किताबें उधार देने से पहले का एक नियम”. ऐसे सवाल न केवल बातचीत शुरू करने में मदद करते हैं बल्कि यूजर्स को दूसरे इंसान को जानने में भी मदद मिलती है.
1500 यूजर्स आ चुके हैं
हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसे 26 नवंबर को लॉन्च किया गया था. बुकमार्क को एक महीने के लिए ट्रायल फेज पर भी चलाया गया था. इसपर अब तक 1,500 यूजर्स आ चुके हैं.