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पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती! जिस संस्था में करते थे गार्ड की नौकरी वहीं बने सहायक प्रोफेसर

भागलपुर के रहने वाले कमल किशोर जिस विश्वविद्यालय में गार्ड की नौकरी करते थे आज उसी में सहायक प्रोफेसर बन गए. हालांकि अभी उनकी नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है जिस पर फैसला आना बाकी है.

कमल किशोर कमल किशोर
हाइलाइट्स
  • दिया नेट की एग्जाम

  • नियुक्ति पर लगी रोक

दिन रात मेहनत करके कमल ने वो कर दिखाया जिसके बारे में शायद ही कोई सकता है. कमल जिस विश्वविद्यालय में गार्ड की नौकरी करते थे आज वहीं पर वो सहायक प्रोफेसर बन गए हैं. भागलपुर के टीएमबी विवि में एक फोर्थ ग्रेड का स्टाफ अब सहायक प्रोफेसर बन गया है. उन्होंने अपनी कठोर लगन से नाईट गार्ड की ड्यूटी करते हुए इस मुकाम हासिल किया है. भागलपुर में मुंदीचक का रहने वाला कमल किशोर मंडल अंबेडकर विचार विभाग में दरबान के रूप में कार्यरत थे. रात में नाइट गार्ड का काम करते थे और दिन में वह पढ़ाई करते थे. पढ़ाई के लिए किशोर ने विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों से लिखित आदेश लिया था.
 
दिया नेट की एग्जाम

पहले उन्होंने राजनीति शास्त्र विषय से पीजी किया और बाद पीएचडी. इसके बाद 2018 में नेट की परीक्षा भी पास कर ली. साल 2020 में सहायक प्रोफेसर के तौर पर उन्होंने इंटरव्यू  दिया और 2022 में सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित हुए. लेकिन तिलकामांझी भागलपुर विवि के अधिकारी उनकी काबिलियत से नाखुश हैं. तत्काल चयनित इस प्रोफेसर की नियुक्ति पर विश्वविद्यालय ने रोक लगा दी है और कुलपति की तरफ से 4 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. विवि के रजिस्ट्रार गिरिजेश नंदन कहते हैं कि जांच टीम की रिपोर्ट के बाद ही उचित निर्णय होगा.

लेकिन इस निर्णय से किशोर काफी उदास हैं. उनका कहना है कि मैंने विवि की इजाजत से आगे की पढ़ाई की और तमाम एग्जाम पास किया. जबकि रजिस्ट्रार साहब कह रहे हैं कि जांच टीम जो रिपोर्ट देगी उसी अनुसार विवि फैसला लेगी. मैं चाहता हूं 

(भागलपुर से राजीव सिद्धार्थ की रिपोर्ट)