राजस्थान की एक बेटी भाग्यश्री सैनी हजारों ड्रॉपआउट बेटियों का भाग्य बदल रही है. जो बेटियां सालों पहले जीवन की विपरीत परिस्थितियों में स्कुल को छोड़ चुकी है उनके लिए भाग्यश्री एक उम्मीद की किरण है. वुमन एंड चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट भाग्यश्री सैनी द्वारा 'राजस्थान अनसंग स्टार्स' अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तीन चरणों में अब तक 2200 आदिवासी- मुस्लिम और अन्य बेटियों का भविष्य संवार चुकी है.
जला रही हैं शिक्षा की अलख
कहते हैं ना कि अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मुश्किल राह भी आसान हों जाती है. यही काम कर रही हैं राजस्थान की बेटी भाग्यश्री सैनी. जिन्होंने शिक्षा की अलख जगाकर बेटियों को मुख्यधारा लाने का बीड़ा उठाया है. मूल रूप से सीकर जिले की रहने वाली भाग्यश्री सैनी जयपुर में रहकर जयपुर के आलावा और आदिवासी क्षेत्र डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, जालौर, अजमेर, जयपुर की ड्रॉपआउट बेटियों को फ्री में पढ़ा रही हैं. भाग्यश्री सैनी ने अनसंग स्टार्स अभियान चला रखा है, जिसमें उनके साथ अभियान में डॉक्टर, वकील, शिक्षाविद और अन्य स्वयंसेवक जुड़े हुए हैं. जो नि:शुल्क अपनी सेवाएं देते हैं. जिसमें मुख्य लक्ष्य बेटियों को शिक्षा के साथ-साथ जागरूक कर उन्हें समग्र रूप से सशक्त बना कर समाज की मुख्यधारा में लाना है, ताकि अपने जीवन में आत्मनिर्भर बन सकें.
ड्रॉपआउट बेटियों के लिए अभियान
अभियान की फाउंडर भाग्यश्री बताती हैं कि एक असाइनमेंट के दौरान वे इन ड्रॉपआउट बेटियों से पहली बार मिली थीं. तब इनके जीवन की परिस्थितियों को देखकर उन्हें यह समझ आया कि ये बेटियां भी किसी सूरज से कम नहीं है. जिसके बाद उन्होंने बिना किसी एनजीओ के अनसंग स्टार्स अभियान का बीड़ा उठाया और घर-घर जाकर शिक्षा की अलख जगाई. खासकर आदिवासी और अल्पसंख्यक मोहल्ले में जाकर ड्रॉपआउट बेटियों को इकट्ठा किया. हालांकि इस दौरान समाज की कई समस्याओ का भी सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी हार नहीं मानी. आज उनकी ड्रॉपआउट बेटियां 11वीं में गणित और कॉमर्स विषय लेकर अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ा रही हैं. यहीं नहीं अभियान के तहत लंकापूरी से मदीना आज ग्रेजुेएशन कर रही हैं जो सालों पहले ड्रॉपआउट थी. बेटियों को इससे फिर से मौका मिला है. आज वो फिर से अपने सपनों की ओर अग्रसर हैं और यही उपलब्धियां अनसंग स्टार्स अभियान को और मजबूत करने के लिए प्रेरित करती हैं.
बेटियों का सर्वांगीण विकास है लक्ष्य
दरअस, इस अभियान का मुख्य लक्ष्य बेटियों का सर्वांगीण विकास करना है. साथ ही पूर्ण रूप से जागरूक कर समग्र रूप से सशक्त बना कर समाज की मुख्यधारा में लाना है, ताकि अपने जीवन में आत्मनिर्भर बन सकें. इसके साथ अपने लिए पहली आवाज स्वयं उठा सके. इसके लिए उन्होंने अनेक प्रयास किये गए हैं जिसमें बालिकाओं का मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक अध्ययन के लिए डोर टू डोर विजिट किया जाता है, उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए राजस्थान अनसंग स्टार्स स्कॉलरशिप भी दी जाती है.
(विशाल शर्मा की रिपोर्ट)