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बिहार के आरा में गाय के गोबर से घर की सजावट का समान बना रही हैं गांव की महिलाएं...चला रही घर खर्च और अन्य महिलाओं को भी दे रही ट्रेनिंग

हिंदू धर्म में गाय के गोबर का महत्व काफी विशेष है. गोबर की महत्ता को देखते हुए समाजिक जीवन में इसका सदुपयोग कर कई लोगों को रोजगार से जोड़ने का ये एक अच्छा प्रयास है.

Gobar se banaya samaan Gobar se banaya samaan

देशभर में हुनर हाट के जरिए अपना खुद का बिजनेस खड़ा करने में इन दिनों महिला और पुरुष काफी तेजी से आगे कदम बढ़ा रहे हैं. जहां उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिल रही है. कुछ इसी तरह के हुनर और पक्के इरादों के बदौलत बिहार के आरा में गोवर्धन गो सेवा केन्द्र ट्रस्ट से जुड़ी सैकड़ों महिला और पुरुष भी गाय के गोबर से तैयार किए गए सजावट का सामान बनाकर एक मिसाल पेश कर रहे हैं. इस बड़े स्टार्टअप के जरिए उनकी अब अच्छी खासी कमाई भी हो रही हैं.

दरअसल गोवर्धन गो सेवा केन्द्र से जुड़ी महिलाएं हस्तकला के माध्यम से गाय के गोबर से मोबाइल स्टैंड, घड़ी, झूमर,पेन स्टैंड, नेम प्लेट, चाभी रिंग और बच्चों के खेलने वाले खिलौनों के साथ-साथ कई ऐसे आकर्षक चीजें तैयार कर रही है जिसकी बाजार में काफी डिमांड हो रही है. गोबर से बने हैंडमेड क्राफ्ट की डिमांड ऑनलाइन मार्केटिंग के साथ-साथ बाजार की दुकानों में भी खूब बिक रही है. 

कैसे तैयार करते हैं समान?
वही गाय के गोबर से सजावट का सामान तैयार करने वाली इन महिलाओं से जब बातचीत की गई तो उनका कहना था कि वो पहले घरेलू कामकाज कर व्यर्थ समय बिता रही थी.लेकिन अब उन्हें एक नया रोजगार मिल गया है जिसकी बदौलत वो अब इससे अच्छी कमाई करके अपनी घर गृहस्थी भी संभाल रही हैं. जब इन महिलाओं से ये जानने की कोशिश की गई कि वो गोबर से कैसे घरेलू सजावट का सामान तैयार कर रही है तो उन्होंने बताया कि भारी मात्रा में गाय का गोबर नालियों में पहले ऐसे ही बहा दिया जाता था. लेकिन हम लोग गोबर का इस्तेमाल करके इससे घर की सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाले आकर्षक सामान बनाते हैं. गाय के गोबर को वे सबसे पहले आटे की तरह गूंथ कर उसे सुखाती हैं और फिर उसे मशीन के जरिए प्रेस कर हार्ड मटेरियल बनाती हैं. इसके बाद इसे सांचे में ढाल कर बढ़िया से रंग बिरंगी पेंट करके घर की शोभा बढ़ाने वाले सजावट सामान बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

मिल रहे कई सारे ऑर्डर
इनमें कई ऐसी भी चीजें हैं जो डेली इस्तेमाल करने लायक भी है. जबकि इस संस्था के अध्यक्ष सुधीर कुमार ने बताया कि हिंदू धर्म में गाय के गोबर का महत्व काफी विशेष है. हमारी संस्था ने गाय के गोबर की महत्वत्ता को देखते हुए समाजिक जीवन में इसका सदुपयोग कर कई लोगों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया और इसमें काफी हदतक हम लोगों को सफलता भी मिल रही है. इस काम में महिला और पुरुषों की भागीदारी बराबर की है.

इन लोगों के द्वारा जो गाय के गोबर से सामान तैयार किए जाते हैं उसकी ऑनलाइन मार्केटिंग के साथ-साथ स्थानीय बाजार की दुकानों में भी काफी मांग है. हालांकि मांग के अनुरूप अभी प्रोडक्शन उतना नहीं हो पा रहा है जिसे पूरा करने की कोशिश लागातार की जा रही है. गाय के गोबर से एक दिन में करीब 500 सजावट के प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं जिनकी बाजार में अलग-अलग कीमत है. वही संस्था के अध्यक्ष ने कहा कि जो गाय का गोबर पहले रुपए किलों के भाव से लोग नहीं खरीदते थे लेकिन अब हम लोग उसी गोबर से 500 रुपए किलों के भाव से सामना तैयार कर बाजार में बेच रहे हैं. इसको बनाने वाले प्रति व्यक्ति की मासिक आय भी अच्छी खासी हो गई है.

कमा रही 10 हजार रुपये
गाय के गोबर से सजावट के इस व्यवसाय में जुड़ी महिला हस्तकला कारीगर मीना कुमारी ने बताया कि वो पहले घर का काम निपटा कर व्यर्थ में समय बिता रही थी लेकिन जब इस संस्था से वह जुड़ी तो वो अब गाय की गोबर से सजावट का आकर्षक सामान तैयार कर महिने के 10 हजार रुपए कमा रही है. जिससे अब उनके घर में आर्थिक तंगी नहीं है और वो खुद स्वावलंबी बन गई हैं. जबकि महिला हस्तकला कारीगर पूनम कुमारी ने बताया कि जिस गाय के गोबर को लोग वेस्ट कर नालियों में बहा देते थे अब हम लोग उसी गोबर से घर में उपयोग करने वाले सजावट के एक से बढ़कर एक समान बना रहे हैं और इससे हमारी अच्छी खासी कमाई भी हो रही है. हम लोग दूसरी महिलाओं को भी इसकी ट्रेनिंग दे रहे हैं. 

(आरा से सोनू कुमार सिंह की रिपोर्ट)