
सोमवार को पश्चिम चंपारण जिले के चूहड़ी गांव में ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देखने पूरा गांव उमड़ पड़ा. यहां ग्रामीणों ने मिलकर एक करीब पांच से 7 फिट लंबे और 80 किलो वजनी मगरमच्छ को तालाब से पकड़ने का साहसिक कारनामा किया. इस अद्भुत घटना ने सभी को चकित कर दिया.
ग्रामीणों ने मछली पकड़ने वाले जाल की मदद से मगरमच्छ को दबोचा. इसके बाद बच्चों, बूढ़ों और युवाओं ने मिलकर उसे कंधे पर लादकर खेतों में लाकर लोहे के पिंजरे से बांध दिया. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मगरमच्छ को सुरक्षित हालत में अपने कब्जे में ले लिया.
8 महीने से तालाब में था मगरमच्छ
ग्रामीणों के मुताबिक, चनपटिया प्रखंड के इस तालाब में पिछले आठ महीने से मगरमच्छ देखा जा रहा था. गांव के स्थानीय ने बताया कि तालाब के आसपास रहने वाले सभी लोग मगरमच्छ की मौजूदगी से वाकिफ थे. कई बार ग्रामीणों ने इसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन डर के कारण कामयाब नहीं हो सके.
हालांकि, जब मगरमच्छ ने तालाब की मछलियों को तेजी से खाना शुरू कर दिया, तब ग्रामीणों ने इसे पकड़ने का फैसला कर लिया. वन विभाग को इसकी सूचना दी गई, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने अपनी सूझबूझ और साहस से इसे जाल की मदद से काबू में कर लिया.
कंधे पर उठाया मगरमच्छ
ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़ने के बाद रस्सी से बांधा और फिर कंधे पर लादकर सुखी जगह पर ले गए. इस दौरान छोटे बच्चे भी मगरमच्छ को कंधे पर उठाने में शामिल थे. यह नजारा बेहद आश्चर्यजनक और जोखिमभरा था.
हालांकि, अब वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित अपने कब्जे में ले लिया. अधिकारियों का कहना है कि यह मगरमच्छ गंडक नदी से बहकर किसी नहर के सहारे तालाब तक पहुंचा होगा. रेस्क्यू के बाद इसे वापस गंडक नदी में छोड़ दिया गया.
(अभिषेक पांडेय की रिपोर्ट)