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13 साल बाद घर लौटा बिहार का यह युवक, सबने मृत मान कर दिया था अंतिम संस्कार, पर मां करती रही इंतजार

13 साल से लापता था बेटा, सबने मान लिया मृत पर इस मां ने नहीं छोड़ी आस. और आज सरहद पार से भी लौट आया बेटा. पढ़ें एक मां के विश्वास की दिल छूने वाली कहानी.

Birti Devi welcoming her son Birti Devi welcoming her son
हाइलाइट्स
  • 13 साल बाद घर लौटा बेटा

  • सरहद पार फंसा था बिहार का यह युवक

बिहार के बक्सर जिले में रहने वाले छवि मुसहर केवल 23 वर्ष के थे, जब वह 2009 में अपने घर से अचानक गायब हो गए. कुछ वर्षों तक उनकी तलाश करने के बाद, परिवार ने यह मान लिया कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं. और उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. 

यहां तक ​​कि उनकी पत्नी ने भी दूसरी शादी कर ली. जिनके साथ मुसहर ने 2007 में शादी की थी. गांव में केवल एक व्यक्ति को उनके लौट कर आने का विश्वास था- उनकी माँ, बिरती देवी को. 

13 साल बाद घर लौटा बेटा

अपने लापता होने के लगभग 13 साल बाद, मुसहर ने मंगलवार को फिर से अपने घर में कदम रखा. बक्सर के खिलाफतपुर गांव में सभी लोग हैरान थे. भरी आंखों से 55 वर्षीया बिरती ने अपने खोए हुए बेटे का स्वागत किया. उनका कहना था कि यह दिन उनके जीवन का सबसे ज्यादा खुशी का दिन है. बहुत दिनों बाद उन्हें उनका बेटा वापस मिला है. 

बिरती हर साल अपने बेटे के लिए 'छठ पूजा' करती थीं.भले ही परिवार के बाकी लोगों नेउनके जीवित रहने की उम्मीद छोड़ दी हो पर इस मां को विश्वास था. घरवालों ने उन्हें हर जगह खोजा- रिश्तेदारों के घरों से लेकर रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड और यहां तक ​​कि अस्पतालों में भी. पर दो साल तक उसका कोई पता नहीं चला. 

पाकिस्तान में फंसे थे छवि

हर किसी की जुबान पर यही सवाल है कि 2009 से 2022 के बीच छवि के जीवन में क्या हुआ. यहां तक ​​कि पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा से उन्हें वापस लाने वाले सरकारी अधिकारी भी अभी तक अनजान हैं. आशंका जताई जा रही है कि वह गलती से पंजाब में सीमा पार कर गए थे और पाकिस्तानी अधिकारियों के हाथ लग गए. कहा यही जा रहा है कि शायद वह कराची की जेल में थे. 

पर इस समय एक मां के विश्वास की जीत हुई है जो पिछले 13 सालों से बेटे के लौटने का इंतजार कर रही थी.