मनुष्य के हौसले बुलंद हो और कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो मुश्किल से मुश्किल काम भी सहजता से हो जाता है. आमतौर पर खेती किसानी पर पुरुषों का एकाधिकार माना जाता है. लेकिन इस विधा पर भी महिलाएं महारत हासिल कर रही हैं. खेती करने के लिए सबसे जरूरी है खेत का होना.
लेकिन बिहार की एक महिला बिना खेत के खेती कर रही है. यह कहानी है छपरा में रहने वाली सुनीता की. सुनीत के पास जमीन नहीं है लेकिन हुनर ऐसा है कि आज छत पर PVC पाइप को ही खेत बनाकर खेती कर रही हैं. महज हाईस्कूल पास सुनीता ने इस तकनीक के बारे में GNT Digital से बात की.
2011 में शुरू की Vertical Farming
सुनीता ने बताया कि उन्होंने खेती की कई अलग-अलग तकनीकों के बारे में सुना था. लेकिन वे सारी तकनीक बहुत महंगी थीं. तब उन्होंने एक कबाड़ी वाले के पास पाइप देखकर वर्टिकल फार्मिंग के बारे में सोचना शुरू किया. उन्होंने पाइप ली और पाइप में मिट्टी भरकर उसमें जगह-जगह कट लगाए.
साल 2011 में उन्होंने सब्जियों, फूलों के पौधे लगाने की शुरुआत की. इस प्रक्रिया में उन्होंने बिना किसी रासायनिक खाद और कीटनाशक के इस्तेमाल किए, आर्गेनिक खाद के दम पर सफलता प्राप्त की. हालांकि, PVC पाइप थोड़ा महंगा होता है तो उन्होंने बांस से पाइप बनाकर, इसमें पौधे उगाना शुरू किया.
कम खर्च में ज्यादा मुनाफा
इस तकनीक में 4 फीट के स्टैंड को बनाने में मात्र 40 रुपये के आसपास का खर्च आता है, जबकि उतनी ही मोटाई का PVC पाइप का स्टैंड 500 रुपए से ज्यादा का आता है. सुनीता ने अपने पूरे छत को और अपने घर के बाहर के हिस्से में चारों तरफ वर्टिकल फार्मिंग से भर दिया है.
इसमे नींबू, हरी मिर्च, बैंगन, एलोवेरा सहित तमाम सब्जियों की खेती वह सुविधाजनक तरीके से कर रही हैं. अपनी इस फार्मिंग के लिए सुनीता कई मंचो पर सम्मानित हो चुकी हैं. सुनीता ने कई महिलाओं को इस तकनीक की ट्रेनिंग भी दी है. सुनीता का कहना है कि कुछ महिलाओं ने काम शुरू किया लेकिन ज्यादा दिनों तक नही कर पाई.
सौर ऊर्जा से अच्छा मुनाफा
सुनीता ने न सिर्फ अलग तरह से खेती करके एक अलग राह पर चलने की शुरुआत की है, बल्कि बिजली की मामले में भी पिछले 20 वर्षों से आत्मनिर्भर है. सुनीता के घर में विगत 20 वर्षों से बिजली का कनेक्शन नही है, बल्कि सौर ऊर्जा को अपने घर मे इस्तेमाल करती हैं.
सुनीता का कहना है कि जब बिहार में बिजली की काफी परेशानी थी, तब मैं इसी सोलर एनर्जी से लोगों की बैटरियों को चार्ज करके प्रतिदिन लगभग 500 रुपयों की कमाई भी कर लेती थी. सुनीता का यह भी मानना है कि बिहार में सूर्य देव की इतनी कृपा है कि किसी भी घर को बिजली के कनेक्शन लेने की जरूरत नही है. बिजली की सारी जरूरत सिर्फ सोलर से ही पूरी हो सकती है.
(आलोक कुमार की रिपोर्ट)