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Blinkit, Swiggy और Zepto काट रहे आम दुकानदार का पेट.. AICPDF ने लगाई CCI से गुहार, Cost Price पर भी दे रहे Heavy Discount

Blinkit, Swiggy और Zepto पहुंचा रहे घर-घर सामान, वो भी भारी डिस्काउंट के साथ. आम दुकानदार बैठा मार रहा मक्खियां. AICPDF ने पुकारा CCI को. मामले में कार्रवाई करने की लगाई गुहार. सेल्स पर्सन की भी नौकरी खतरे.

The festive period beginning on October 3 and ending on November 3 this year, is a high-point for wholesalers and retailers in the country. The festive period beginning on October 3 and ending on November 3 this year, is a high-point for wholesalers and retailers in the country.
हाइलाइट्स
  • Blinkit, Swiggy और Zepto दे रहे भारी डिस्काउंट

  • इस साल 6 बिलियन टर्नओवर बनाने का इरादा

हर कोई चीज़ों पर डिस्काउंट पाना चाहता है. इसी बात का फायदा कुछ कंपनियां उठा रही हैं. दरअसल Reuters की एक खबर के अनुसार  All India Consumer Products Distributors Federation (AICPDF) ने Competition Commission of India (CCI) को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने एक मामले में जांच करने का आग्रह किया है. बता दें कि AICPDF भारत का सबसे बड़ा Retail Distribution Association है. यह Nestle और Hindustan Unilever जैसी कंपनियों के चार लाख डिस्ट्रिब्यूटर का प्रतिनिधित्व करता है. 

क्यों लिखा गया है पत्र?
पत्र लिखने की वजह है कि Blinkit, Swiggy और Zepto बहुत ही खराब प्रैक्टिस अपना रही हैं. दरअसल यह कंपनियां कॉस्ट प्राइस पर डिस्काउंट देकर ग्राहक को अपनी तरफ खींच रही हैं. इसकी वजह से बाजार में बैठे आम डिट्रिब्यूटर के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. उनके पास से ग्राहक सामान खरीदने से कतरा रहे हैं और इन कॉमर्स कंपनियों से डिस्काउंट के चक्कर में सामान खरीद रहे हैं. अब जब हर किसी को घर बैठे सामान मिलेगा और डिस्काउंट भी तो कोई क्यों किराने की दुकान पर जाना पसंद करेगा. यही फिक्र किराने की दुकान चलाने वालों को सता रही है. उनका सामान पड़े-पड़े खराब हो जाएगा और वे नुकसान में चले जाएगें.

क्या कहा गया है पत्र में?
पत्र में All India Consumer Products Distributors Federation ने Competition Commission of India से आग्रह किया है कि वह कुछ ऐसे कदम उठाए, जिससे आम दुकानदारों के लिए मुश्किल ना खड़ी हो. साथ ही ग्राहक सामान खरीदने के लिए उन्हें भी चुने. इससे उनका भी रोजगार चलेगा. यह पत्र केवल किनारे की दुकानदार के हित के लिए नहीं बल्कि कंपनियों के सेल्स पर्सन के हित में भी लिखा गया है.

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क्यों खड़ी हुई है दिक्कत?
दरअसल इन कॉमर्स कंपनियों के दस में डिलिवरी करने के दावे और भारी डिस्काउंट की वजह से ग्राहक की पसंद ये बन चुके हैं. पत्र में इस बात का ज़िक्र है कि कुछ कंपनियां सेल्स पर्सन को हटाकर सीधा इन कॉमर्स कंपनियों से रिश्ता कामय कर रही है. ऐसा करने से सेल्स पर्सन की नौकरी भी खत्म हो रही है. जब किसी कंपनी का सामान डायरेक्ट कॉमर्स कंपनी के पास जाएगा तो वह सेल्स पर्सन को रख, उसे नौकरी देकर वेतन क्यों देना चाहेगा.

क्या कहती है रिसर्च?
डेटल इंटेलीजेंस की रिसर्च के अनुसार, भारत की यह कॉमर्स कंपिनयों इस साल 6 बिलियन के टर्नओवर को भी पार कर जाएंगी. जहां Blinkit का 40 फीसद और Swiggy-Zepto 30-30 का मार्किट होल्ड रखेंगे. इस बात को देखते हुए यह फिक्र करने की बात है कि किनारे की दुकान चलाने वाला का क्या हाल होगा. इतने ज्यादा टर्नओर और मार्किट शेयर के साथ ये कंपनियां किनारे वालों को तो खा ही जाएंगी. 

एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, CCI के पास इतनी क्षमता है कि वह इस मामले में छानबीन कर सकता है. लेकिन इसके लिए शर्त है कि उसे शिकायत में कुछ ऐसे पहलू मिलने चाहिए जिसको आधार बनाकर वह कार्रवाई कर सके. CCI ने पहले भी इस प्रकार की खराब प्रैक्टिस के खिलाफ कार्रवाई की है. यह मामला है जब Amazon और Flipkart कानून तोड़कर इस खराब प्रैक्टिस को अपना रही थीं और आम डिट्रिब्यूटर को नुकसान हो रहा था. हालांकि दोनों कंपनियों ने इन दावों को नकारा था.