scorecardresearch

Instagram Reels के जरिए 18 सालों बाद मिले भाई-बहन, रील में टूटे दांत देख पहचाना, Mumbai से घर Kanpur आने के दौरान हो गया था लापता

Brother and Sister Met Through Instagram Reels: इंस्टाग्राम की रील ने 18 साल पहले बिछुड़े भाई-बहन को मिला दिया. भाई कानपुर से मुंबई कमाने गया था. इसी दौरान वह लापता हो गया था. रील में भाई के टूटे दांत को देखकर बहन ने उसे पहचान लिया.  

Brother and Sister Met Through Instagram Reels Brother and Sister Met Through Instagram Reels
हाइलाइट्स
  • मुंबई से कानपुर आने की जगह जयपुर चला गया था बाल गोविंद

  • शादी कर वहीं पर बस गया था

इंस्टाग्राम पर रील बनाना एक परिवार के लिए खुशियां लेकर आया. टूटे दांत से 18 साल पहले खोये भाई को इंस्टाग्राम पर वायरल रील से बहन ने पहचान लिया. भाई अपने परिवार को पूरी तरह से भूल चुका था. इंस्टाग्राम पर बहन ने याद दिलाया. इसके बाद भाई बहन से मिलने के लिए व्याकुल हो उठा. गुरुवार को दोनों की मुलाकात हुई तो आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े.किसी फिल्मी कहानी की तरह यह कहानी कानपुर के महाराजपुर स्थित हाथीपुर गांव की है.   

मुंबई गया था नौकरी करने 
फतेहपुर के इनायतपुर निवासी राजकुमारी की शादी हाथीपुर गांव में हुई है. राजकुमारी का भाई बाल गोविंद 18 साल पहले लापता हो गया था. वह जब अपने मायके में थी तभी एक दिन उसका भाई अपने दोस्तों के साथ मुंबई में नौकरी करने गया था. 18 साल पहले जब वह नौकरी करने गया था तो कुछ दिनों के बाद दोस्तों को छोड़कर अलग जगह नौकरी करने लगा.

कुछ दिनों तक उसकी अपने दोस्तों से बात होती रही. इसके बाद सभी दोस्तों गांव लौट आए लेकिन बाल गोविंद वही नौकरी करता रहा. इसी दौरान बाल गोविंद के अचानक तबीयत खराब हो गई. उसने गांव लौटने का फैसला किया. मुंबई से गांव लौटने के लिए एक ट्रेन पर चढ़ा लेकिन गलती से वह कानपुर की जगह राजस्थान के जयपुर जाने वाली ट्रेन में चढ़ गया. 

सम्बंधित ख़बरें

सारे पैसे हो गए खत्म
जयपुर पहुंचने पर बाल गोविंद के सारे पैसे खत्म हो गए थे. उसका दिमाग भी सही से काम नहीं कर रहा था. इस दौरान उसकी स्टेशन पर ही एक शख्स से मुलाकात हुई. उसने उसे एक फैक्ट्री में काम करने के लिए लगा दिया. बाल गोविंद काम तो फैक्ट्री में करता था लेकिन रहता था सड़क के किनारे एक पन्नी डालकर.

धीरे-धीरे समय गुजरा बाल गोविंद की स्थिति संभालने लगी तो उसने वहीं पर रहने वाली एक लड़की ईश्वर देवी से शादी कर ली. इसके बाद उसके दो बच्चे हो गए लेकिन एक खास बात यह थी इस दौरान बाल गोविंद का जो बचपन में टूटा हुआ दांत था वह अभी तक टूटा हुआ था. बाल गोविंद की शक्ल भी अपने पिता से बहुत कुछ मिलती-जुलती थी. 

इंस्टाग्राम पर रील बनाने का हो गया शौक 
इसी बीच बाल गोविंद को इंस्टाग्राम पर रील बनाने का शौक हो गया. वह अपनी रील जयपुर के कई दार्शनिक स्थलों पर बनाकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करता था. उधर, उसकी बहन राजकुमारी का विवाह हाथी गांव में हो गया था. राजकुमारी को भी इधर इंस्टाग्राम पर रील देखने का शौक हो गया.

एक दिन राजकुमारी ने देखा की इंस्टाग्राम पर जो युवक जयपुर की वीडियो के साथ खड़ा है, उसका दांत टूटा हुआ है. उसने देखा की उसकी शक्ल उसके पिता से मिलती-जुलती है. राजकुमारी को तुरंत अपने भाई जो 18 साल पहले खो गया था बाल गोविंद की याद आ गई. धीरे-धीरे उसने बाल गोविंद के कई रील देख डाले. उसे लगने लगा कि ये मेरा भाई ही है. 

रो-रोकर की घर लौटने की गुजारिश
राजकुमारी का कहना है इसके बाद मैंने इंस्टाग्राम पर ही पोस्ट करके बाल गोविंद का नंबर लिया और उससे फोन पर बात की तो पहले तो वह बात करने से इनकार करता रहा लेकिन बाद में उसने मान लिया कि वह मूल रूप से फतेहपुर के इनायत पुर का रहने वाला है. फिर दोनों में बातचीत शुरू हुई तो दोनों को ये एहसास करने में देर नहीं लगी कि वह दोनों सगे भाई-बहन हैं.

राजकुमारी ने बताया कि इसके बाद फोन पर ही मैंने अपने भाई से रो-रो कर गुजारिश की कि वह घर लौट आए. एक बार हम लोग उसको देखना चाहते हैं. बाल गोविंद भी तैयार हो गया और फिर 27 जून दिन गुरुवार को वह जयपुर से अकेले ही ट्रेन में सफर करके अपनी बहन के गांव महाराजपुर स्थित हाथीपुर पहुंच गया. 

भाई को देखते ही लगा मानों मिल गई है सारी दुनिया
अपने भाई को देखते ही राजकुमारी को जैसे सारी दुनिया मिल गई. आखिर 18 साल बाद उसका बिछड़ा हुआ भाई जो उसके घर पर आया था. उसने तुरंत भाई को तिलक लगाया. उसकी ससुराल के लोग भी काफी खुश थे. सबने बाल गोविंद का स्वागत किया. इसके बाद राजकुमारी ने अपने मायके में भाईल के लौटने की सूचना दी. मायके से भी लोग आ गए. सब लोग बाल गोविंद को दोबारा देखकर काफी खुश थे. गोविंद का कहना है कि मैं पहले कुछ दिमाग की बीमारी की वजह से परिवार को भूल गया था. फिर याद भी आती थी तो लगता था कि मुझे कौन पहचानेगा. मेरी शादी हो गई थी. 

मेरे दो बच्चे भी हैं. मैं इस बारे में अपनी पत्नी से जब बात की थी तो उसने कहा यदि परिवार के लोग तुम्हें पहचान रहे हैं तो तुम्हें जरूर जाना चाहिए इसलिए मैं यहां आ गया. अब मैं अपने पिता के गांव जा रहा हूं. शुक्रवार की सुबह बाल गोविंद अपनी बहन राजकुमारी के घर से अपने गांव पहुंच गया. इस मौके पर राजकुमारी ने बस यही कहा कि भले सोशल मीडिया में लोग कहते हों, इसमें अच्छे वीडियो नहीं आते हैं लेकिन कभी-कभी कुछ वीडियो ऐसे होते हैं जो जिंदगी की यादों को ऐसा ताजा करते हैं कि जैसे जिंदगी के मायने ही बदल जाते हैं. मेरा भाई आ गया है. 18 साल बाद वह मुझे मिला है. यह मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी है. 

(रंजय सिंह की रिपोर्ट)