
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पारिवारिक रिश्तों की सभी सीमाएं तोड़ दी हैं. पहले एक महिला अपनी बेटी के ससुर यानी अपने समधी के साथ फरार हो गई, और अब जब यह प्रेम कहानी उजागर हुई तो इसके पीछे एक-दूसरे पर आरोपों की झड़ी लग गई है. इस ‘समधी-समधन प्रेम प्रसंग’ में अब दोनों परिवारों के रिश्ते चकनाचूर हो चुके हैं.
समधी -समधन का भाग जाना
गांव डहरपुर की ममता नाम की महिला 11 अप्रैल को अपने समधी शैलेंद्र के साथ फरार हो गई. महिला के पति सुनील ट्रक चालक हैं, जो अक्सर घर से बाहर रहते हैं. उन्होंने मीडिया से बताया कि उनकी पत्नी ने लंबे समय से समधी के साथ संबंध बना रखे थे. " पीड़ित पति ने आरोप लगाया, मैं जब ट्रक लेकर बाहर होता था, ''वह समधी को बुलाकर घर में रखती थी, मुझे और बच्चों को धोखा देती रही. अब तो सारा माल, जेवर और नकदी लेकर उसी के साथ भाग गई.''
बेटे और पड़ोसियों के भी आरोप
ममता के बेटे सचिन ने भी मां पर गंभीर आरोप लगाए. उसका कहना है कि जब पिता घर पर नहीं रहते थे, मां समधी को बुलाकर कमरे में बंद हो जाती थीं. हमें बाहर निकाल दिया जाता था. पड़ोसी भी कहते हैं कि शैलेंद्र अक्सर रात को आता और सुबह चला जाता, लेकिन वह रिश्तेदार था. इसलिए किसी को शक नहीं हुआ.
महिला पहुंची थाने, पति पर लगाए आरोप
इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब ममता खुद थाने पहुंच गई. वह अपने समधी और एक मुंह बोले भाई के साथ शनिवार को दातागंज कोतवाली आई और पति पर गंभीर आरोप लगाए. उसने कहा, "मेरी शादी जबरन हुई थी. पति शराब पीता है, मारता है, और घर का खर्च भी नहीं देता. मैंने बच्चों को लेकर अपने भाई के पास शरण ली."
महिला ने अपने समधी के साथ किसी तरह के रिश्ते से इनकार नहीं किया, लेकिन यह जरूर कहा कि वह अब अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती.
बयानबाजी और सियासी घमासान
महिला जिस व्यक्ति को मुंह बोला भाई बता रही है, उसके अस्तित्व पर भी सवाल उठने लगे हैं। महिला के मौसेरे भाई निरभान सिंह ने कहा, "मैं उसका सगा भाई हूं, वो जिसे भाई कह रही है, वह कौन है पता नहीं.
इधर, समधी शैलेंद्र ने भी बयान जारी कर कहा, "मेरे ऊपर लगाए आरोप झूठे हैं. मैंने ममता के पति को शादी के वक्त कुछ पैसे उधार दिए थे. वहीं अब मुझे फंसा रहा है. महिला मेरे साथ नहीं है."
पति की पीड़ा, पुलिस पर सवाल
पीड़ित पति सुनील अब थाने के चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं न्याय चाहता हूं. पत्नी समधी के साथ रह रही है, और उसे पुलिस ने उसी के साथ भेज दिया. जिस व्यक्ति को वह भाई बता रही है, उसका कोई अस्तित्व नहीं है. पुलिस ने मेरी एफआईआर भी नहीं लिखी.''
अब सवाल ये है...
जब रिश्ते मोहब्बत की आड़ में खुदगर्जी का रूप लेने लगें, तो परिवार बिखरते हैं. इस पूरे मामले में जहां महिला पति को दोष दे रही है, वहीं बेटा और समाज महिला के आचरण पर सवाल उठा रहे हैं. समधी-समधन की इस 'प्रेम कहानी' ने कई रिश्तों की नींव हिला दी है. क्या अब ये मामला सिर्फ व्यक्तिगत है या समाज की उन दरारों की तस्वीर है, जहां रिश्तों की परिभाषाएं बदल रही हैं?