अक्सर फिल्मों में देखा है और सुना भी है कि दहेज के कारण दूल्हा बारात वापस ले जाता है. लड़की के पिता दूल्हे के परिवार वालों को वापस मनाते हैं. लेकिन यहां कहानी में थोड़ा ट्विस्ट है. आज हम आपको एक ऐसे पिता के बारे में बताएंगे जिन्होंने खुद अपनी बेटी की शादी की बारात और दूल्हे को भरे मंडप से वापस भेज दिया. यह हकीकत है महाराष्ट्र के बुलढाणा ज़िले के छोटे से गांव मलकापुर पांगरा की. यहां पर 22 अप्रैल को एक विवाह संपन्न होने वाला था. सारी तैयारियां हो चुकी थी और शादी का शुभ मुहूर्त 4 बजे रखा गया था.
इंतजार करते-करते थक गए लड़की वाले
दूल्हे मियां भी शादी की खुशी में मग्न थे और दोस्त की शादी में दोस्त न नाचें ऐसा हो नहीं सकता. इस शादी में भी यही हुआ. दूल्हे के दोस्तों ने पूरे गांव में बैंड-बाजे के साथ नाचना शुरू किया. गांववाले भी बारातियों को नाचता देख खुश हो रहे थे. बारातियों को नाचते-नाचते 4 बज गए. इधर दुल्हन के घरवाले बारातियों का इंतज़ार करते-करते थक गए और शुभ मुहूर्त भी निकल गया. दूल्हा और बाराती रात 8 बजे शादी के मंडप में पहुंचे. इसके बाद जब शादी की रस्मों को आगे बढ़ाने की बात हुई तो दुल्हन के पिता ने शादी करवाने से साफ इनकार कर दिया. दुल्हन के पिता का निर्णय सुनते ही मंडप में सन्नाटा सा छा गया. दरअसल बराती शराब पीकर आए थे और मारपीट करने लगे जिससे लड़की पक्ष नाराज हो गया.
चूंकि शादी की पूरी तैयारी हो गई थी और मंडप भी तैयार था इसलिए दुल्हन के पिता ने सलाह मशविरा कर एक रिश्तेदार के बेटे से अपनी बेटी की शादी करवा दी.
(बुलढाणा से जाका की रिपोर्ट)