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Bike Ride over Man: अजब-गजब! इस युवक के पेट पर से 377 बार गुजरी बुलेट बाइक, तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड 

पंडित धायगुडे के पेट से 377 बार बुलेट बाइक गुजरी लेकिन उन्होंने चूं तक नहीं किया. इसके साथ उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है. छह भारी बुलेट बाइकों से लगातार 377 बार उनके पेट के ऊपर से गुजरी और उन्होंने पलक तक नहीं झपकाई.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

  • पंडित धायगुडे को है अपनी ट्रेनिंग पर भरोसा

दुनिया में लोगों के पास अलग-अलग तरह का टैलेंट है. लेकिन नवी मुंबई के साहसी पंडित धायगुडे के टैलेंट एसबीएस जुदा है. 42 साल के धायगुडे ने रविवार की सुबह ठाणे के खुले कोपरी मैदान में 62 मिनट से ज्यादा समय तक अपने पेट पर बाइक चलवाई. छह भारी बुलेट बाइकों से लगातार 377 बार उनके पेट के ऊपर से गुजरी और उन्होंने पलक तक नहीं झपकाई. इस कारनामे के साथ बैंक में चपरासी का काम कर रहे पंडित धायगुडे ने अपना ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.

तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले पंडित धायगुडे ने अपने पेट से 122 बाइकें निकलवाई थी. लेकिन इसबार ये आंकड़ा 377 पार हो गया. और इसी के साथ उन्होंने अपना ही नया रिकॉर्ड सेट कर दिया. पंडित धायगुडे की नजर अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स पर है. रविवार को, छह भारी बुलेट मोटरबाइक, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 250 किलोग्राम था धायगुडे के पेट से गुजरी. उनके पेट पर जब आखिरी बार 450 किग्रा की बुलेट बाइक निकली तो लगातार लोगों ने उनके नाम के जयकारे गए डाले.

पंडित धायगुडे को है अपनी ट्रेनिंग पर भरोसा

हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये काम बूत जोखिम भरा है. थोड़ी सी चूक से पसलियां कुचली जा सकती हैं. लेकिन पंडित धायगुडे कहते हैं कि उन्हें अपनी ट्रेनिंग पर पूरा भरोसा है. वे पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए सुबह-सुबह दो घंटे और देर रात तक एब्डॉमिनल क्रंच करते हैं. पंडित धायगुडे कहते हैं,  "कुछ बाइकर्स सावधान थे, और मुझे उन्हें अपने ऊपर सवारी करने के लिए उकसाना पड़ा. पहले का रिकॉर्ड विदेश में किसी ने बनाया था. लेकिन इस बार ये रिकॉर्ड मेरे नाम पर है.”

क्या खाते हैं पंडित धायगुडे?

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पंडित धायगुडे दो बच्चों के पिता है. अपनी सेहत मजबूत रखने के लिए वे प्रोटीन युक्त आहार लेते हैं, जैसे-उबले हुए अंकुरित अनाज और मीट आदि. साथ ही पंडित धायगुडे शराब और तंबाकू जैसी चीजों से परहेज करते हैं. उनके गुरु, गणेश मार्गजे का भी इसमें बहुत बड़ा योगदान है.वे कहते हैं, "शुरुआत में, मैं धायगुडे की महत्वाकांक्षा के बारे में सुनकर दंग रह गया था, लेकिन उसके दृढ़ संकल्प को देखते हुए मैंने उसे ट्रेनिंग देने का फैसला किया. "