चंडीगढ़ पहली बार 'ट्री मैप' पेश करने वाला पहला भारतीय शहर बनने के लिए तैयार है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य एडवांस्ड जियोग्राफिक इनफर्मेशन सिस्टम (GIS) तकनीक का उपयोग करके शहर के हर एक पेड़ की मैपिंग करना है. इस पहल को हाल ही में UT वन और वन्यजीव विभाग की विशेषज्ञ समिति की बैठक के दौरान मंजूरी दी गई थी.
प्रोजेक्ट के बारे में सब कुछ
ट्री मैप पदानुक्रमित (Hierarchical) डेटा का एक विजुअल रेप्रेजेंटेशन है. इस नई परियोजना का उद्देश्य चंडीगढ़ भर में सभी पेड़ों की एक व्यापक, जियो-टैग की गई सूची बनाना है, जिससे शहर की हरियाली वाली जगहों के प्रबंधन और संरक्षण दोनों प्रयासों को बढ़ाया जा सके.
मीटिंग में मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने परियोजना की तात्कालिकता पर जोर देते हुए कहा, "नगर निगम और इंजीनियरिंग विभाग को 'ट्री मैप' तैयार करने में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. इसमें विभिन्न क्षेत्रों के सभी पेड़ों के बारे में डिटेल्ड इनफर्मेशन इकट्ठा करना शामिल है." विशेषज्ञ समिति को उम्मीद है कि सभी इनफर्मेशन के साथ ट्री मैप का ड्राफ्ट अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा.
पेड़ों के हेल्थ की निगरानी
इसके अतिरिक्त, यह अनिवार्य किया गया है कि पेड़ों के स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण मापदंडों का अच्छे से मूल्यांकन किया जाए. वन अनुसंधान संस्थान (FRI) सटीक और अपडेटेड जानकारी सुनिश्चित करने के लिए यह मूल्यांकन करेगा. अधिकारियों ने चंडीगढ़ की वृक्ष आबादी की वर्तमान स्थिति को समझने में इस मूल्यांकन के महत्व पर जोर दिया.
FRI मूल्यांकन के हिस्से के रूप में पेड़ों की जियो-टैगिंग, गहन विश्लेषण और वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए जीआईएस तकनीक के उपयोग को सक्षम करेगी. यह आधुनिक दृष्टिकोण शहर की शहरी वानिकी जरूरतों के लिए बेहतर ट्रैकिंग, रखरखाव और योजना की सुविधा देगा.
पर्यावरण प्रबंधन
कुल मिलाकर, चंडीगढ़ में वृक्ष मानचित्र की शुरूआत शहरी पर्यावरण प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है. डिटेल्ड ट्री डेटा के साथ आधुनिक तकनीक को इंटीग्रेट करके, शहर का लक्ष्य अपने हरित स्थानों के स्वास्थ्य और स्थिरता को सुनिश्चित करते हुए ज्यादा प्रभावी और वैज्ञानिक रूप से सूचित संरक्षण प्रैक्टिस को बढ़ावा देना है.
चंडीगढ़ अपने सावधानीपूर्वक प्लान्ड लेआउट और हरी-भरी जगहों के लिए जाना जाता है, आधुनिक वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता का एक अनूठा मिश्रण पेश करता है.