दिल्ली कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन (DCDRC) ने पिछले महीने फैशन ब्रांड लाइफस्टाइल को एक ग्राहक से पेपर कैरी बैग के लिए 7 रुपये वसूलने पर 3,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था. हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी शोरूम ने कैरी बैग के लिए अलग से पैसे लिए हों. अक्टूबर में, बेंगलुरु स्थित एक कंज्यूमर कोर्ट ने अपने लोगो वाले बैग के लिए 20 रुपये वसूलने के लिए फर्नीचर कंपनी आइकिया पर 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया.
इतना ही नहीं जनवरी में, चंडीगढ़ में एक स्टोर को चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट ने 26,000 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा था क्योंकि उसने एक ग्राहक से कैरी बैग के लिए 10 रुपये चार्ज किए थे. लेकिन क्या ऐसा करना सही है? क्या मॉल या ऐसी दुकाने कैरी बैग के लिए पैसे चार्ज कर सकती है?
लंबे समय से चला आ रहा है ये मुद्दा
दरअसल, ये मुद्दा साल 2011 से ही चल रहा है, जब केंद्र ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट और हैंडलिंग नियम लाए थे. इसमें कहा गया था कि "खुदरा विक्रेताओं द्वारा उपभोक्ताओं को कोई भी कैरी बैग मुफ्त में उपलब्ध नहीं कराया जाएगा." इस मामले में कैरी बैग का मतलब प्लास्टिक बैग था, और यह नियम प्लास्टिक बैग के उपयोग में कमी लाना था. हालांकि, खुदरा विक्रेताओं ने इस नियम का फायदा उठाया और कागज और कपड़े की थैलियों के लिए भी शुल्क लेना शुरू कर दिया, जिसका नियमों में कोई जिक्र नहीं था.
बैग की कीमत नहीं हो सकी तय
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नागरिक निकायों को इनपुट की लागत और वेस्ट मैनेजमेंट की लागत को ध्यान में रखते हुए पहले प्लास्टिक कैरी बैग की कीमत निर्धारित करनी थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यह देखते हुए कि खुदरा विक्रेता पेपर बैग के लिए शुल्क ले रहे थे और नागरिक निकाय कैरी बैग की कीमत तय करने में विफल रहे थे, केंद्र सरकार ने 2016 में इन नियमों में संशोधन किया. इसमें "कैरी बैग का स्पष्ट मूल्य निर्धारण" नाम का एक और सेक्शन जोड़ा गया. जिसमें प्लास्टिक बैग बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं से कहा गया कि उन्हें दुकानों में नोटिस लगाना होगा कि प्लास्टिक बैग केवल भुगतान पर ही प्रदान किए जाएंगे.
हालांकि, यह भी काम नहीं आया. साल 2018 में एक और संशोधन लाया गया जिसमें 2016 के सेक्शन को पूरी तरह से हटा दिया गया. नए नियमों में कैरी बैग की कीमत के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है और पिछले नियमों की तरह, पेपर कैरी बैग के बारे में भी कुछ विशेष नहीं कहा गया है.
खुदरा विक्रेता का क्या तर्क है?
यही कारण है कि खुदरा विक्रेताओं का तर्क है कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो स्पष्ट रूप से कहता हो कि ग्राहकों को कैरी बैग मुफ्त में दिए जाने चाहिए. 31 दिसंबर, 2022 से 120 माइक्रोन से पतले प्लास्टिक कैरी बैग की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आपसे कैरी बैग के लिए पैसे लिए जा सकते हैं. लेकिन कई कंज्यूमर कोर्ट ने माना है कि उपभोक्ताओं को पहले से सूचित किए बगैर बैग के लिए चार्ज लेना गैरकानूनी है.