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Niyad Nellanar Scheme Chhattisgarh: पीने का मिला पानी... पहली बार बिजली, छत्तीसगढ़ में वरदान बनी सोलर पावर, Bastar के कई गांवों में लगे Solar Projects, जानें सरकार की ये योजना

Niyad Nellanar Scheme Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar Chhattisgarh) के कई जगहों पर आजादी के बाद से बिजली नहीं थी. सरकार की नियद नेल्लानार योजना (Niyad Nellanar Scheme) के तहत इन जगहों पर लाइट आई है. आइए इस योजना के बारे में जानते हैं.

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Niyad Nellanar Scheme Chhattisgarh: बस्तर को पूरे देश में नक्सलवाद के लिए जाना जाता है. बस्तर छत्तीसगढ़ के सबसे अंदरूनी इलाका है. बस्तर (Bastar Chhattisgarh) को विकास से जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार सौर ऊर्जा अभियान नई इबारत लिख रहा है.

छत्तीसगढ़ सरकार के इस अभियान की वजह से बस्तर के कई गांवों में पहली बार बिजली आई है. लोगों में उम्मीद जगी है कि उनकी जिंदगी भी आसान हो सकती है. सोलर प्रोजेक्ट्स के चलते लोगों को पीने का पानी आसानी से मिल रहा है. इसके अलावा किसान खेतों में सिंचाई भी अच्छे-से कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के बस्तर में सोलर एनर्जी लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. छत्तीसगढ़ में विकास की ये कहानी सरकार की नियद नेल्लानार योजना (Niyad Nellanar Scheme) के तहत लिखी जा रही है. आइए सरकार की इस योजना पर नजर डालते हैं.  

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क्या है नियद नेल्लानार योजना?
छत्तीसगढ़ सरकार ने "नियद नेल्लानार योजना" नाम से एक स्कीम शुरू की है. नियद नेल्लानार योजना का मतलब है “आपका आदर्श ग्राम” यानी ऐसा गांव जहां पर रह रहे लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. अब वह अन्य जगह की तरह विकास की ओर बढ़ रहे हैं.

सरकार की इस योजना का मकसद बस्तर के गांवों तक बुनियादी सुविधाओं को पहुंचाना है. जिससे लोगों की जिंदगी आसान हो. इसके लिए सरकार ने गांव के आसपास कैंप स्थापित किए. ये शिविर गांवों में बुनियादी सुविधा दे रहे हैं. इन मूलभूत सुविधाओं में घर, अस्पताल, पानी, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया और स्कूल शामिल हैं.

इससे लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलेंगी. मुश्किलों से भरी उनकी जिंदगी तो आसान होगी ही. साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों में शासन-प्रशासन के लिए विश्वास और ज्यादा बढ़ सकेगा.

किसानों के लिए वरदान सौर ऊर्जा 
छत्तीसगढ़ सरकार की नियद नेल्लानार योजना के तहत बस्तर में सोलर अभियान चलाया जा रहा है. बस्तर के कई गांवों में सोलर प्लांट्स से बिजली आई है. साथ ही किसानों को सिंचाई करने में भी मदद मिली है.

बस्तर के किसान सखाराम इसके सही उदाहरण हैं. सखाराम पहले खेतों में पानी के लिए हाथ पंप का इस्तेमाल करते थे लेकिन सोलर पंप लगने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई. सखाराम को अभी तक खेतों तक पानी पहुंचाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. सोलर पंप के लगने के बाद उनके लिए खेती करना बहुत आसान हो गया. 

सखाराम अब पहले से ज्यादा खेती करते हैं. बस्तर के एक और किसान मंतू के मुताबिक, वो पहले सिर्फ एक ही फसल उगाते थे लेकिन अब वो कई फसलें उगा रहे है. अब वो चावल के बाद अपनी पांच एकड़ जमीन पर मक्का भी उगाते हैं. 

मंतू बताते हैं कि पहले बिजली न होने से उनको कई मुश्किलें होती थीं. अब सौर ऊर्जा के कारण वो सोलर पंप का 10 घंटे से भी ज़्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं.
 
बस्तर में भी उजाला
छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना का बड़ा हिस्सा सोलर एनर्जी है. सौर्य ऊर्जा को छत्तीसगढ़ स्टेट रेन्यूबल एनर्जी डेवलेपमेंट एजेंसी (Chhattisgarh State Renewable Energy Development Agency) ने ऊर्जा मंत्रालय के तहत लागू किया है. CREDA के सीईओ राजेश राणा के मुताबिक, सरकार ने 500 नए सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स का प्रपोजल दिया है. 

बस्तक में रिकॉर्ड समय में 100 सोलर प्लांट लगाए हैं. इसमें पीने के पानी के लिए जल जीवन मिशन, सौर सुअजला योजना के तहत किसानों के लिए सिंचाई पंप और सोलर हाई मस्ट लाइट (solar high mast light) शामिल हैं. ये प्रोजेक्ट ऐसे 11 गांवों में लगाए गए हैं जहां आजादी के बाद से अभी तक बिजली नहीं थी.

बस्तर के पांच जिले को लाभ  
नियद नेल्लानार योजना के तहत बस्तर डिवीजन के पांच जिले कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा में सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जा रहे हैं. कांकेर में पीने के पानी की व्यवस्था शुरू हो चुकी है. वहीं नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा के दूरदराज़ इलाकों में काम अभी भी जारी है.