जिस उम्र में बच्चे मिट्टी में खेल रहे होते हैं, उस उम्र में एक बच्चा अपनी गायकी से अपनी मिट्टी की खुशबू को अर्श तक पहुंचा रहा है. यह कहानी है रेगिस्तान के लाल छोटू खान की. जिसके सुर मात्र 6 साल की उम्र में इतने पक्के और गहरे हैं कि उसका गाया गाना सुनने वालों की रूह तक पहुंचता है.
लाजवाब है गाने याद रखने की शक्ति:
जैसलमेर जिले में झिनझिनयाली गांव के रहने वाले सतार खान का बेटा है छोटू खान. छोटू की गायकी का कोई जवाब नहीं और साथ ही उसकी स्मरण शक्ति का भी. छोटू की याद रखने की क्षमता इतनी तेज है कि अगर कोई गाना एक बार सुन लेता है तो उसे याद हो जाता है. और फिर खुद वह गाना गुनगुनाने लगता है.
गायकी और संगीत छोटू खान को विरासत में मिला है. उनके पिता सतार खान के अनुसार उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी लोक कला को आगे बढ़ा रहा है. लोग उन्हें शादी समारोह जैसे खुशी के मौकों पर गाने के लिए बुलाते हैं.
वायरल हुआ छोटू का वीडियो:
जनवरी के महीने में सतार खान को एक शादी में गाने का न्यौता आया. छोटू भी पिता के साथ गया और वहां उसने गाना गाया. वहीं से छोटू का गाते हुए वीडियो वायरल हो गया. आज इंटरनेट पर छोटू के कई वीडियो आपको मिल जायेंगे.
छोटू के एक वीडियो को राजकोट में नियुक्त आईएएस अफसर देव चौधरी ने भी शेयर किया है. उन्होंने लिखा है, ‘इतनी कम उम्र में इतना शानदार गायन। हमारे मारवाड़ के लोक कलाकार.’
सतार खान की ख्वाहिश है कि एक दिन उनका बेटा छोटू बड़ा सिंगर बन कर बाड़मेर, जैसलमेर का नाम रोशन करें.
(दिनेश बोहरा की रिपोर्ट)