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World Consumer Rights Day 2023: प्रोडक्ट डिफेक्टिव निकलने पर ग्राहकों को Return या Refund से मना नहीं कर सकती कंपनी, एक उपभोक्ता के तौर पर जानें अपने अधिकार

World Consumer Rights Day: प्रोडक्ट डिफेक्टिव निकलने पर ग्राहकों को Return या Refund से कंपनी मना नहीं कर सकती है. एक उपभोक्ता के तौर पर आपको अधिकार दिए गए हैं. आप इसकी शिकायत कंज्यूमर कोर्ट में कर सकते हैं.

World Consumer Rights Day 2023 World Consumer Rights Day 2023
हाइलाइट्स
  • कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट में मिलती है सुरक्षा 

  • कर सकते हैं शिकायत

आजकल हर कोई ऑनलाइन सामान लेना पसंद करता है. जहां एक तरफ ये समय बचाने में आपकी मदद करता है तो दूसरी ओर आपको एक ही प्लेटफॉर्म पर कई सारी वैरायटी और रिव्यु मिल जाते हैं. लोग ज्यादातर अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि जैसे ऑनलाइन स्टोर प्रिफर करते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब उनकी तरफ से कोई डिफेक्टिव पीस या प्रोडक्ट हमारे घर डिलीवर हो जाता है. खरीदारी के लिए ई-कॉमर्स साइटों और सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के साथ प्रोडक्ट की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन क्वालिटी गिर रही है. कई बार ऐसा भी होता है कि कंपनी उस प्रोडक्ट को वापस लेने से मना कर देती है. लेकिन उपभोक्ता के पास उनके अधिकार हैं. जिससे कंपनी इन डिफेक्टिव प्रोडक्ट्स को वापस लेने या बदलने से मना नहीं कर सकती है. आप इसके लिए कंपनी को कोर्ट तक भी लेकर जा सकते हैं. 

नए कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट में मिलती है सुरक्षा 

नए कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट में ऐसे मामलों से निपटने के लिए कुछ प्रावधान जोड़े गए हैं. डिफेक्टिव सामान वापस लेने से इंकार करना और प्रोडक्ट का रिफंड देने से मना करना नए कानून के तहत एक अनुचित व्यापार व्यवहार है. 2019 का उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम उपभोक्ताओं को डिफेक्टिव सामान को बदलने के लिए कुछ अधिकार देता है. झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट प्रीतम मंडल ने GNT डिजिटल को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने भी ऐसे आए मामलों पर अलग-अलग कंपनियों को दंड दिया है. प्रीतम कहते हैं, “हालांकि, ज्यादातर मामलों में कोशिश करें कि आप पहले रिटेलर को अपनी परेशानी लिखें और उसे बताएं कि आप कंज्यूमर कोर्ट में इस मामले को लेकर जा रहे हैं. ऐसे में ज्यादातर ये होता है कि अगर वह रिटेलर होशियार है तो वह आपको आपका रिफंड या आइटम रिटर्न कर देगा. क्योंकि अगर आप कंज्यूमर कोर्ट में रिटेलर को लेकर जा रहे हैं तो ये उसपर भारी पड़ने वाला है.”

कैसे कर सकते हैं शिकायत?

शिकायत कैसे करनी है इसको लेकर झारखंड हाई कोर्ट में एडवोकेट प्रीतम कहते हैं, “अगर रिटेलर या मैन्युफैक्चरर आपके अनुरोधों का जवाब नहीं दे रहा है या कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, तो आप सीधे राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर कंज्यूमर कंप्लेन कर सकते हैं. आप दो तरीके से शिकायत कर सकते हैं- ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में.”  

-फिजिकल एप्लीकेशन कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में दायर की जा सकती है. ये हर जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध होते हैं. आपके द्वारा खरीदे गए प्रोडक्ट या सर्विस के मूल्य के आधार पर किसी भी मंच पर शिकायत दर्ज की जा सकती है. उदाहरण के लिए, एक जिला-स्तरीय आयोग उन प्रोडक्ट्स या गुड्स के बारे में शिकायतें ले सकता है, जिनका कुल मूल्य 1 करोड़ रुपये से कम है. इसके अलावा, आप जिस स्थान पर रहते हैं या काम करते हैं, जहां विक्रेता रहता है या काम करता है या जहां विवाद शुरू हुआ है, उसके आधार पर आप एक अलग फोरम में शिकायत दर्ज करने का ऑप्शन भी चुन सकते हैं.

-या फिर आप टोल-फ्री नंबर 1800114000 पर कॉल करके; या 8130009809 पर एसएमएस करके या फिर उमंग ऐप के जरिए अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. 

एक और बात ध्यान रखें कि विवाद होने के दो साल के अंदर ही आपको कंज्यूमर एप्लीकेशन फाइल करनी होगी. अगर दो साल के बाद आप शिकायत दर्ज करते हैं तो वो मान्य नहीं होगी. साथ ही अगर आपको उपभोक्ता शिकायत दर्ज करने के बारे में कोई संदेह है, तो आप राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन - 1915 पर कॉल कर सकते हैं.