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जूनागढ़ में शुरू हुआ देश का पहला ग्रोथ डेवलपमेंट हैप्पीनेस प्रोजेक्ट, लोगों को सिखाया जाएगा खुश रहने का मतलब

भूटान ने सबसे पहले ग्रोथ डेवलपमेंट हैप्पीनेस प्रोजेक्ट शुरू किया था. इसे ही देखते हुए मंगलवार को जूनागढ़ में भी कलेक्टर ऑफिस के सभा खंड में जिला प्रशासन अधिकारी ने ये प्रोजेक्ट लॉन्च किया है.

Growth Development Happiness project Growth Development Happiness project
हाइलाइट्स
  • भूटान में हुआ था सबसे पहले प्रोग्राम शुरू 

  • खुश रहने से होता है बेहतर काम 

विश्व अब आर्थिक विकास से ज्यादा मानवीय विकास की खोज में लगा है. खुशहाल जिंदगी हमारी सबसे पहली इच्छा है, पर फिर भी हम खुश नहीं हैं. इसी सोच के साथ पूरे भारत में सबसे  जूनागढ़ में ग्रोथ डेवलपमेंट हैप्पीनेस प्रोजेक्ट ‘Growth Development Happiness project’ शुरू किया है.  जूनागढ़ की मुख्य अधिकारी कलेक्टर डॉ. रचित राज ने प्रशासन विभाग के सभी कर्मचारियों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया है. ताकि उनमें काम करने का नया जोश और उमंग आए, साथ ही काम के संतोष से मिली सफलता सही मायने में उन्हें खुशी दे. अब हर मंगलवार को ''Happiness Day'' के रूप में मनाया जाएगा.  

भूटान में हुआ था सबसे पहले प्रोग्राम शुरू 

दरअसल, भूटान ने सबसे पहले ग्रोथ डेवलपमेंट हैप्पीनेस प्रोजेक्ट शुरू किया था. इसे ही देखते हुए मंगलवार को जूनागढ़ में भी कलेक्टर ऑफिस के सभा खंड में जिला प्रशासन अधिकारी ने ये प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. जिसमें कर्मचारियों को खुश कैसे होना है कैसे अपना काम अच्छा हो.. किस तरह हम लोगों को मदद करके या अच्छा काम करके भी खुशी मिलती है. 

खुश रहने से होता है बेहतर काम 

ये सब मल्टीमीडिया प्रोजेक्ट द्वारा दर्शाया गया और समझाया गया है. जिला प्रशासन अधिकारी डॉ रचित राज ने अपने इस प्रोजेक्ट के बारे में कहा कि ये भूटान में सबसे पहले शुरू हुआ था, जिससे उनकी आर्थिकी पर बहुत फर्क पड़ा है. हमारे पूरे देश में सबसे पहले जूनागढ़ में ये प्रोजेक्ट स्टार्ट किया गया है. हम चाहते है की लोग खुश रहकर काम करें, ताकि काम करने की खुशी दोगुनी मिले. अगर आप खुश हैं, तो खुशी से किए गए उस काम में आप हमेशा सफल होंगे. हैप्पीनेस इस शेयरिंग, केयरिंग एंड मेकिंग. 

लोगों के मुताबिक क्या है ख़ुशी?

जब वहां कर्मचारियों से सच्ची खुशी कब मिलती है, इसके बारे में पूछा गया तब ज्यादातर लोगों ने कहा कि जब किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं और वो आभार व्यक्त करते हैं तब बहुत खुशी मिलती है. अपने काम को न्याय देना ही सच्ची खुशी है. 

(भार्गवी जोशी की रिपोर्ट)