हाल के दिनों में भारत में साइबर धोखाधड़ी के अधिक मामले सामने आए हैं. ताजा मामलों में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 2 लाख रुपये से अधिक की ठगी का है. यह ठगी उसके साथ तब हुई जब वह एक वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन यात्रा की बुकिंग कर रहा था. सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करने वाला महाराष्ट्र का एक व्यक्ति नासिक जाने के लिए ऑनलाइन कैब बुक कर रहा था. कैब बुक करते समय उसने ट्रैवल एजेंसी की वेबसाइट पर सारी जानकारी डाल दी और भुगतान शुरू कर दिया. हालांकि, वेबसाइट पर तकनीकी खराबी के चलते बुकिंग फेल हो गई.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने पुलिस के हवाले से कहा, ''शिकायतकर्ता ने ट्रैवल एजेंसी की वेबसाइट पर एक ईमेल में एजेंसी को अपना विवरण प्रस्तुत किया था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण कैब बुक करने में विफल रहा."
बाद में आया कॉल
कुछ समय बाद, सॉफ्टवेयर इंजीनियर को एक आदमी का फोन आया जिसने उसने अपना नाम रजत बताया और खुद को उसी ट्रैवल एजेंसी का कर्मचारी बताया. इसके बाद कर्मचारी ने उन्हें कैब की बुकिंग में मदद करने का आश्वासन दिया. बुकिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए कर्मचारी ने उसे फिर से 100 रुपए ट्रैवल वेबसाइट पर पेमेंट करने के लिए कहा और कहा कि बाकी पेमेंट ट्रिप के बाद चुका सकते हैं.
हालांकि, जब व्यक्ति ने फिर से भुगतान करने की कोशिश की, तो वेबसाइट में फिर से तकनीकी खराबी आ गई और अंत में पीड़ित ने बुकिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाए बिना ही बुकिंग छोड़ दी. कुछ घंटों बाद उसे अपने बैंक से एक के बाद एक लेन-देन मैसेज प्राप्त हुए, जिसमें उसे सूचना मिली कि उसके खाते से 2 लाख रुपये से अधिक का ट्रांजेक्शन हो चुका है.
कुछ पैसे आ गए वापस
पुलिस ने कहा कि आधी रात को उसके फोन पर एक संदेश आया कि क्रेडिट कार्ड खातों से 81,400 रुपये, 71,085 रुपये और 1.42 लाख रुपये की राशि काट ली गई है. पुलिस ने बताया कि जैसे ही उसे यह महसूस हुआ कि कुछ गड़बड़ है, उसने बैंकों के कस्टमर केयर से संपर्क किया और क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक करने के लिए कहा. कस्टमर केयर की मदद से व्यक्ति के 71,085 रुपये वापस आ गए हैं, फिर भी उसने साइबर धोखाधड़ी में स्कैमर्स को 2.2 लाख रुपये की शेष राशि खो दी. वर्तमान में मामले की जांच चल रही है, इसने एक सवाल खड़ा किया कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कैसे ठगा गया?