तरोताजा हवा, प्राकृतिक सुंदरता, AQI-10, शुद्ध ऑक्सीजन, खिलखिलाते पेड़ पौधे... ये सब आपको देखने मिलेगा दिल्ली में. सुनकर चौंक गए न? चौंकने वाली बात ही है. जिस शहर की हवा में लोग खुलकर सांस भी न ले सकें, वहां AQI 10-15 असंभव है. लेकिन आज हम आपको बताएंगे दिल्ली के एक ऐसे कपल के बारे में जिनके घर का AQI 10-15 के बीच है और इनका घर दिल्ली वालों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है.
हम बात कर रहे हैं पीटर सिंह और नीनो कौर के बारे में. इनकी उम्र 80 साल है. लेकिन यह कपल इस बात की जीता-जागता उदाहरण है कि उम्र महज एक संख्या है. आज के समय में लोग शान ओ शौकत में रहना पसंद करते हैं लेकिन पीटर सिंह और नीनो कौर ने प्रकृति के करीब रहना चुना है. यही कारण है कि पीटर और नीनो मिलकर 15000 पौधों की देखभाल करते हैं और घर में ऑर्गेनिक सब्जियां, फल, मसाले उगा कर हेल्दी लाइफ जी रहे हैं.
अपने ग्रीन हाउस, पेड़-पौधों और लाइफस्टाइल के बारे में पीटर सिंह और नीनो कौर ने GNT Digital से खास बातचीत की.
कहां से आया आइडिया
पीटर ने बताया कि उनकी पत्नी 1998 में ल्यूकेमिया से जूझ रही थीं जिससे बाद उन्हें घर में ग्रीन हाउस बनाने का आइडिया आया और उन्होंने अपनी पूरी लाइफ स्टाइल बदल दी. बता दें कि ल्यूकेमिया ब्लड कैंसर का एक प्रकार है. नीनो के कैंसर का पता चलने के बाद कपल ने एक नई पहल की शुरूआत की. और आज नीनो पूरी तरह से ठीक होकर स्वस्थ जिंदगी जी रही हैं. पीटर और नीनो ने अपने घर में एक्वापोनिक सिस्टम लगाया है जिसकी मदद से वे सस्टेनेबल जिंदगी जी रहे हैं.
क्या है एक्वापोनिक्स फार्मिंग
एक्वापोनिक्स, एक्वाकल्चर (मछली पालन) और हाइड्रोपोनिक्स (मिट्टी के बिना पौधे उगाना) तकनीक का संयोजन है. उनके घर में चार टैंक्स में मछलियां पाली जाती हैं और साथ में बिना मिट्टी के पेड़-पौधे उगाए जा रहे है. फिश टैंक के पानी में अमोनिया होता है. यह पानी पौधों तक पहुंचाया जाता है. इसमें मौजूद बैक्टीरिया उस पानी के अमोनिया को नाइट्रोजन में बदल देते हैं. पौधों को पानी का न्यूट्रिशन मिल जाता है और बदले में, वे पानी को प्यूरिफाई कर देते हैं और फिर से यही पानी मछलियों के टैंक में चला जाता है. यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है. इस तरह पानी की भी काफी बचत होती है और मछलियों का वेस्ट पौधों के लिए न्यूट्रिशन का काम करता है. इस तरह हर दिन सिर्फ 1,000 लीटर पानी का ही इस्तेमाल होता है.
उगाए 10,000 से 15,000 पौधे
पीटर सिंह और नीनो कौर ने बताया कि वे वर्मीकम्पोस्ट और कोको पीट का उपयोग करके 10,000 से 15,000 पौधे उगाते हैं. खास बात ये है कि ये पौधे बिना मिट्टी और बिना किसी रासायनिक खाद के उगाए गए हैं. रसोई से निकलने वाले कचरे से खाद बनाई जाती है और इसी खाद को गार्डनिंग मं इस्तेमाल किया जाता है. बारिश के पानी को आधुनिक तकनीकों से इकट्ठा करते हैं. उनके घर में इस्तेमाल होने वाले पानी को भी रिसायकल किया जाता है. यहां पानी की हर बूंद का फिर से इस्तेमाल किया जाता है. पीटर ने बताया कि वे गणित के छात्र रहे हैं, उन्हें साइंस और आर्केटेक्चर में दिलचस्पी थी. कुछ नया करने का उनका जुनून ही था जो वे यहां खुशी से सांस ले रहे हैं. अपने घर के लिए यह एक्वापोनिक्स मॉडल पीटर ने डिजाइन किया है और नीनो इसके जरिए पेड़-पौधे उगा रही हैं.
इस तरह कर रहे हैं हवा को शुद्ध
नीनो ने बताया कि, दिल्ली की हवा पौधों के लिए भी हानिकारक है, जिससे बचने के लिए उन्होंने अपने घर से अंदर जाने वाले रास्ते में कूलर की घास लगाई है और साथ ही, इक्जॉस्ट पंखे से हवा को साफ करने की तकनीक अपनाते हैं. जिसके चलते घर के अंदर घुसते ही आपको बेहतर और साफ हवा महसूस होगी. यही कारण है कि यहां का AQI- 15 से भी कम है. गार्डनिंग के लिए यह कपल स्पेक्ट्रम यूवी लाइट और मछली टैंकों से पानी का इस्तेमाल करता है. उनके घर में बिजली के लिए सोलर पैनल लगे हुए हैं.
जी रहे हैं ऑर्गेनिक लाइफ
सिंह और कौर अब एक ऑर्गेनिक लाइफ जीते हैं. उनका कहना है, "हमें बाहर जाने की जरूरत महसूस नहीं होती. हम इस माहौल में इतने खुश और स्वस्थ महसूस करते हैं कि हम यहां से जाना ही नहीं चाहते. दोनों को कुकिंग बेहद पसंद है जिसमें कौर कुकिंग करती हैं और सिंह उनकी मदद करते हैं." कपल का कहना है कि अगर वे कर सकते हैं तो कोई भी कर सकता है. कौर ने बताया, 'हमने बाहर से कुछ भी मंगाना बंद कर दिया है. पहले, जब हम बाहर से खाना खाते थे, तो हमें सुस्ती महसूस होती थी. लेकिन अब हम बिल्कुल एक्टिव महसूस करते हैं. छत पर ज्यादातर फल-सब्जियां लगे हुए हैं जिसमें ड्रैगनफ्रूट, चीकु, अंगूर, प्याज, टमाटर, धनिया, पालक, मशरूम, लैटस जैसी कई सब्जियां, फल, मसाले शामिल हैं."
दूसरों को भी बांट रहे हैं ज्ञान
अपने ज्ञान को लोगों तक पहुंचाने के लिए, कपल ऑनलाइन क्लास देता है, जिसमें पीटर सिंह सिखाते हैं कि कोई भी अपने घरों में एक्वापोनिक्स सिस्टम सेटअप कैसे बना सकते हैं. कौर सिखाती हैं कि पौधे कैसे उगाएं. उनका ऑनलाइन क्लास फीस 10,000 रुपये है. जिसमें परिवार के एक मेंबर के जॉइन करने पर सभी को फ्री क्लास दी जाती है. इसके साथ ही वे घर की उगाई हुई सब्जियां मार्केट के दामों पर बेचते हैं.
(यह एक्सक्लुसिव रिपोर्ट यामिनी सिंह बघेल ने लिखी है. यामिनी Gnttv.com के साथ बतौर इंटर्न काम कर रही हैं.)