scorecardresearch

Project Jeans: पुरानी डेनिम जीन्स से बेसहारा लोगों के लिए स्लीपिंग बैग्स बना रहा है यह 17 साल का लड़का

Project Jeans: प्रोजेक्ट जींस के संस्थापक 17 वर्षीय निर्वाण सोमानी बेकार हो चुकी जींस को स्लीपिंग बैग में बदलकर इसे एक नई जिंदगी दे रहे हैं. साथ ही, उनकी पहल बहुत से लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला रही है.

Nirvaan Somany Nirvaan Somany

हर किसी के पास डेनिम जीन्स-शर्ट तो होती ही है. लोगों की वार्डरॉब बिना जीन्स की पूरी नहीं होती है. भारत में ही नहीं दुनियाभर में डेनिम की इंडस्ट्री बहुत बड़ी है. लेकिन क्या आपको पता है कि पर्यावरण के लिए डेनिम इंडस्ट्री सबसे हानिकारक क्षेत्रों में से एक है जो सभी प्रकार के प्रदूषण में योगदान देता है. 

आपको शायद ही पता हो लेकिन एक जोड़ी जींस के उत्पादन के लिए 10,000 लीटर से ज्यादा पानी की जरूरत होती है. मैन्यूफैक्चरिंग के दौरान 16.2 किलोग्राम से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होने का अनुमान है - और अपघटन (डीकंपोजीशन) के दौरान इससे भी ज्यादा मात्रा में उत्सर्जन उत्पन्न होता है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही 12वीं कक्षा के छात्र निर्वाण सोमानी ने प्रोजेक्ट जींस शुरू किया है. 

क्या है Project Jeans
दिल्ली के रहने वाले निर्वाण अपने इस प्रोजेक्ट जींस के तहत, पुरानी और बेकार जीन्स से गरीब और बेघर लोगों के लिए स्लीपिंग बैग बना रहे हैं. साल 2019 में निर्वाण मन में प्रोजेक्ट जीन्स का विचार आया था. लेकिन फिर COVID हुआ, और इस आइडिया को लागू करना मुश्किल था, इसलिए उन्होंने एक प्रोटोटाइप पर काम किया और एक साल पहले इसे लॉन्च किया.

प्रोजेक्ट जींस का उद्देश्य पर्यावरण की मदद करने के साथ-साथ समाज की मदद करना है. निर्वाण की मां एक फैशन डिजाइनर हैं और उन्होंने अपने बेटे की इस काम में मदद की. इस प्रोजेक्ट के तहत पुरानी जीन्स विभिन्न स्रोतों जैसे स्कूलों, अस्पतालों, हाउसिंग सोसायटी आदि से इकट्ठी की जाती है. इकट्ठा करने के बाद इन जीन्स को स्ट्रिप्स में काट दिया जाता है और अंदर अस्तर के साथ सिला जाता है ताकि इनसे बनने वाला प्रोडक्ट सर्दियों के समय गर्म रहे. 

लोगों को दिया रोजगार 
निर्वाण ने दिल्ली की एक बस्ती रजोकरी से कुछ महिला श्रमिकों को काम पर रखा है, जो इन स्लीपिंग बैगों की सिलाई करती हैं. ये महिलाएं पहले बेरोजगार थीं, और  उन्हें ये स्लीपिंग बैग बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. अब प्रोजेक्ट जींस उनकी आय और आजीविका का स्रोत है. एक स्लीपिंग बैग की कीमत 800 रुपए होती है. 

एक बार पूरा हो जाने पर, निर्वाण और उनकी टीम इन स्लीपिंग बैग्स को दिल्ली में जरूरतमंदों को वितरित करती है. वे ये बैग सीधे किसी ऐसे व्यक्ति को बेचते हैं जो बाद में इन्हें दान करना चाहता है. हर साल, बहुत ज्यादा ठंड के कारण कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं. लेकिन निर्वाण और उनकी टीम ऐसे लोगों की मदद करके उनकी जान बचाने पर काम कर रही है. 

दूसरे देशों में भी पहुंचाई मदद
प्रोजेक्ट जीन्स ने अब तक 8,000 से अधिक जींस इकट्ठी की हैं और उनका उपयोग 1,250 से अधिक स्लीपिंग बैग बनाने में किया है. निर्वाण ने इस साल फरवरी में तुर्की और सीरिया के कुछ हिस्सों में आए भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए कुछ स्लीपिंग बैग भी दान किए. आने वाले सालों में, निर्वाण इस प्रोजेक्ट और बड़े स्तर पर ले जाने के बारे में सोच रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जा सके. 

निर्वाण को इस साल वेल्स की राजकुमारी डायना की स्मृति में स्थापित, डायना पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है जो 9-25 वर्ष की आयु का किसी भी युवा को उसके सामाजिक कार्यों या मानवीय कार्यों के लिए दिया जाता है.