तिहाड़ स्टोर कैदियों को आत्मनिर्भर बनने और रोजगार देने का काम कर रही है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत राजधानी दिल्ली में तिहाड स्टोर के नाम से एक ओपन जेल खोली गई है जिसमें तिहाड़ जेल के दो ऐसे कैदी काम कर रहे हैं जो अपनी सजा काटने के आखिरी साल में हैं, तिहाड़ स्टोर में तिहाड़ जेल प्रोडक्ट के नाम से सामान रखा गया है यह वह समान है जो तिहाड़ जेल में सजा काट रहे कैदी जेल के अंदर बनाते हैं. चाहे वह नमकीन हो.. बिस्किट हो.. फिनायल हो..या फिर कपड़े. सभी प्रोडक्ट्स तिहाड़ स्टोर में रखे गए हैं जिन्हें यह दो कैदी बेचेंगे जो तिहाड़ स्टोर में काम कर रहे हैं.
सिर उठा कर अपनी जिंदगी जिएंगे कैदी
तिहाड़ जेल के डायरेक्टर जनरल संजय बेनीवाल का कहना है कि यह एक शुरुआत है उन कैदियों को मौका देने का, जो अपनी सजा पूरी करने वाले हैं और अब बाहरी दुनिया में जाने वाले हैं. यह कैदी बाहर जाकर आम जिंदगी जी सकें इसलिए इन्हें पहले तिहाड़ जेल में प्रोडक्ट्स बनाना सिखाया गया और फिर अब तिहाड़ स्टोर के माध्यम से मार्केटिंग और सेल्स जैसी चीज सिखाई जा रही है ताकि इन कैदियों का आत्मविश्वास भी बढ़े और दुनिया में इन्हें सामान्य जीवन जीने का एक और मौका मिल सके.
अभी केवल दो कैदी ऐसे हैं जो इस स्टोर में काम कर रहे हैं. कुछ कैदी ऐसे हैं जो अभी भी तिहाड़ के अंदर ही इस काम को सीख रहे हैं और आने वाले समय में जब वह अपनी सजा के आखिरी साल में होंगे तो वह भी बाहर आकर इस ओपन जेल तिहाड़ स्टोर में काम करेंगे और सीखेंगे. अभी फिलहाल एक ही तिहाड़ स्टोर खोला गया है जोकि राजधानी दिल्ली के मस्जिद मोठ इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के अंदर है. तिहाड़ स्टोर को इंडियन ऑयल के साथ कोलैबोरेशन करके खोला गया है.
राजधानी में और भी खुलेंगे तिहाड़ स्टोर
आने वाले समय में ऐसे और भी तिहाड़ स्टोर खोले जाएंगे और बाकी कैदियों को भी मौका दिया जाएगा. ताकि वो बाहर जाकर काम कर सकें. तिहाड़ स्टोर में ये कैदी सुबह 7:00 बजे से शाम के 7:00 बजे तक दो शिफ्ट में काम करते हैं. तिहाड़ जेल की तरफ से एक कर्मचारी इन कैदियों के साथ तिहाड़ स्टोर में मौजूद रहता है.