राजधानी दिल्ली के कुटिया घाट का नाम बदलकर वासुदेव घाट (Delhi Vasudev Ghat) कर दिया गया है. जब से घाट का नाम बदला है यहां की तस्वीर भी बदल गई हैं. पहले जहां इस घाट में कूड़ा पड़ा रहता था अब इस घाट में सुंदर-सुंदर रंग-बिरंगे ट्यूलिप के फूल खिल रहे हैं. इस घाट के सौंदर्यीकरण का काम पिछले 2 सालों से चल रहा है.
दिल्ली में देख पाएंगे आरती
दिल्ली के लोग अक्षर आरती देखने हरिद्वार, ऋषिकेश, बनारस जैसी धार्मिक स्थलों पर जाते हैं. अब दिल्ली सरकार और दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की कोशिश है कि राजधानी दिल्ली के घाटों को भी उतना ही भव्य बनाया जाए जितना किसी दूसरे धार्मिक स्थल के घाट हैं. वासुदेव घाट को भी अयोध्या, बनारस, हरिद्वार के तर्ज पर बनाया जा रहा है. करोड़ों का बजट घाट के सौंदर्यीकरण के लिए खर्च किया जा रहा है. वासुदेव घाट में बड़े-बड़े मंडप बनाए गए हैं, मंडप के आसपास हरियाली भी उगाई गई है. सुंदर-सुंदर छोटे-छोटे बगीचे बनाने की भी तैयारी चल रही है.
घाट का हुआ कायाकल्प
बगीचों में रंग बिरंगे फूल उगाए गए हैं. इस घाट की सुंदरता बढ़ा रहे हैं सफेद ट्यूलिप के फूल (Tulip Flower). साथ ही लाल पत्थर से बनी दो बड़ी-बड़ी हाथी की मूर्तियां भी इस घाट में लगाई गई हैं. घाट में यमुना तक जाने के लिए सीढ़ियां भी बनाई जा रही हैं. घाट में एक पैदल रास्ता भी बनाया जा रहा है जहां पर लोग सुबह-शाम आकर सैर भी कर सकते हैं. साथ ही एक स्नान कुंड भी बनाया जा रहा है. घाट के शुरुआत में एक 300 किलो की घंटी भी लगाई गई है.
अप्रैल में बन कर तैयार हो जाएगा वासुदेव घाट
इस घाट के सौंदर्यीकरण का काम पिछले 2 सालों से लगातार चल रहा है. सर्दी, गर्मी, बरसात सभी मौसम में यहां पर कारीगरों ने लगातार काम करके इस घाट को तैयार किया है. घाट पूरी तरीके से अप्रैल में बनकर तैयार हो जाएगा. सरकार का कहना है कि उसके बाद यहां पर यमुना आरती भी की जाएगी. घाट बनने से घाट के आसपास रह रहे लोगों में काफी खुशी है. वह अक्सर यहां पर सुबह शाम आते-जाते भी हैं. उनके मन में सवाल है कि घाट तो बनकर तैयार हो जाएगा मगर आरती क्या यमुना के प्रदूषित पानी की ही जाएगी?
जल्द साफ होगी यमुना
घाट बेहद सुंदर तो लग रहा है मगर घाट में बहुत ज्यादा देर खड़ा नहीं रहा जा सकता क्योंकि यमुना का पानी इतना प्रदूषित है कि उसे लगातार बदबू आती है. कुछ लोगों का कहना है कि ये नदी नहीं नाला है. नदी की पूजा की जाती है. हरिद्वार. बनारस में जिस नदी की पूजा हो रही है उसका पानी साफ है लेकिन इस यमुना नदी का पानी प्रदूषित है. वहीं कुछ लोगों को उम्मीद है कि अगर सरकार ने घाट बना दिया है तो कुछ समय में शायद अब नदी भी साफ हो जाएगी.