सर्दियां शुरू होते ही राजधानी दिल्ली समेत कई बड़े शहर वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाते हैं. इस बीच सरकार भी एयर प्यूरीफायर की क्वालिटी को लेकर काफी गंभीर हो गई है. सरकार ने कहा है कि एयर प्यूरीफायर की क्वालिटी को जांचने के लिए सर्विलांस बढ़ाया जाएगा. यह कदम प्रल्हाद जोशी के दावों के बाद उठाया गया है.
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को कहा था कि लोग डर की वजह से एयरफ्यूरीफायर खरीदते हैं लेकिन उसमें कुछ होता नहीं है. एयरफ्यूरीफायर को लेकर तरह तरह के दावे किए जाते हैं लेकिन उसमें एक फैन को छोड़कर और कुछ नहीं होता है.प्रल्हाद जोशी ने ग्राहकों से भी अपील की है कि वे बिना ISI मार्क वाला एयर प्यूरीफायर न खरीदें.
एयर फिल्टर की गुणवत्ती की जांच
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, "हम बाजार निगरानी के जरिए यह देखने की कोशिश करेंगे कि दावे सही हैं या नहीं. बीआईएस एयर फिल्टर पर मौजूदा गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के अनुपालन की जांच करेगा.''
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण एक बहुत बड़ा मुद्दा है. हर साल दिवाली के बाद यहां प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में लोग अपने घरों में एयरफ्यूरीफायर लगवाते हैं. लेकिन क्या ये एयर प्यूरीफायर सचमुच उपयोगी हैं? आइए जानते हैं ये किस तरह से काम करते हैं.
कैसे काम करते हैं एयर प्यूरीफायर
एयर प्यूरीफायर आमतौर पर पोर्टेबल, मैकेनिकल फिल्टर होते हैं जो हवा में धूल और महीन कणों जैसे सूक्ष्म कणों को कैप्चर कर लेते हैं. टैकनिकल शब्दों में कहें तो ये डिवाइस हवा को शुद्ध करने के बजाय "साफ" करते हैं. एक पंखा कमरे से हवा खींचता है और इसे फिल्टर के जरिए वापस भेजता है. सभी एयर प्यूरीफायर्स फिल्टर के साथ ही आते हैं. इनमें चार तरह के फिल्टर आते हैं- हेपा फिल्टर, कार्बन फिल्टर, IONIC जनरेटर, अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन (UV). एक Hepa फिल्टर धूल, पराग, पालतू जानवरों की रूसी और कुछ बैक्टीरिया सहित 0.3 माइक्रोन तक के 99% कणों को हटा सकता है.
एयरफ्यूरीफायर फिल्टर और पंखे की मदद से हवा में मौजूद अवांछित कणों को खींचते हैं और हवा को फिल्टर करके वापस कमरे में छोड़ते हैं.
क्या सच में काम करता है एयर फ्यूरीफायर?
एक एयरफ्यूरीफायर कितना कारगर है ये कई बातों पर निर्भर करता है. जैसे कमरा कितना बड़ा है. कमरे की सीएडीआर कितनी है. एयर क्लीनर हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम की तुलना में महीन कणों को टारगेट करते हैं और आपकी हवा की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं. अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रह रहे हैं तो एयरफ्यूरीफायर आपके घर में जरूर होना चाहिए. हालांकि बिना ISI मार्क वाला एयर प्यूरीफायर खरीदने से बचना चाहिए. प्रदूषण ज्यादा होने की वजह से आपको बार-बार इसका फिल्टर बदलना पड़ सकता है.
घर के अंदर एयरक्वालिटी कैसे मेंटेन रखें?
घरों के अंदर आग जलाने से बचें. जब आप गैस पर खाना पका रहे होते हैं तो आपके घर में हवा की गुणवत्ता आमतौर पर गिर जाती है, ऐसे में सुनिश्चित करें कि आप खाना बनाते समय एग्जॉस्ट फैन का उपयोग करें. अगर बाहर की एयर क्वालिटी अच्छी है तो खिड़कियां, दरवाजे खोलकर रखें. क्लीनर और पर्सनल केयर में इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकलआपके घर में हवा की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकते हैं. सुनिश्चित करें कि आप अपने घर को साफ और महकदार बनाए रखने के लिए हानिकारक केमिकल कम्पाउंड फ्री प्रोडक्ट का चयन करें.