सोचिए! आपको कैसा लगेगा अगर आपका खाना लेकर एक इंसान की बजाए ड्रोन आए. थोड़ा अजीब है ना? दरअसल काफी समय से ड्रोन का परीक्षण जरूरी समान जैसे दवाइयां या अन्य चीजों के लिए किया जा रहा है.इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए दो स्टार्टअप फर्रुखनगर (गुड़गांव) के एक गोदाम से लगभग 20 किमी दूर गोल्फ कोर्स रोड पर क्लाउड किचन आउटलेट में प्री कुक्ड फूड पहुंचाने के लिए एक पायलट रन लॉन्च किया. 20 डिग्री सेल्सियस पर ठंडे बॉक्स में फ्रोजन पिज्जा सहित 5 किलोग्राम पेलोड को एक मल्टीरोटर ड्रोन द्वारा ले जाया गया जो 30 मिनट से भी कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच गया.
बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट (बीवीएलओएस) परीक्षण महीने के अंत तक जारी रहेगा. कंपनियों ने कहा, ड्रोन संचालन के लिए अनुमेय सीमा पर प्रतिदिन छह उड़ानें निर्धारित हैं. क्योरफूड्स (Curefoods)क्लाउड किचन जिसने स्काई एयर मोबिलिटी के साथ करार किया है ने कहा कि अंतिम लक्ष्य ग्राहक के दरवाजे पर भोजन पहुंचाने के लिए ड्रोन का उपयोग करना था.
नॉर्मल डिलीवरी होती जा रही महंगी
स्काई एयर के सीईओ अंकित कुमार ने कहा,"ड्रोन डिलीवरी एक बड़ी बात है. ईंधन की कीमतों और महंगाई के कारण नॉर्मल डिलीवरी के तरीके महंगे होते जा रहे हैं. इसके अलावा, सड़क की भीड़ माल की समय पर डिलीवरी में परेशानी पैदा करती है. ”कंपनियों ने कहा कि केंद्र सरकार की नई नीति, ड्रोन नियम, 2021 ने उद्योग को गति दी है. कुमार ने कहा,“मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का उपयोग करने के लिए सरकार के जोर ने कंपनियों को लाइन अप करने और यह पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है कि ड्रोन उनके लिए कैसे फायदेमंद हो सकते हैं. हम वहीं हैं जहां इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार से पांच साल पहले थे. ”
ट्रायल रन जारी
स्काई एयर मोबिलिटी, जो परीक्षण उड़ानों के लिए ड्रोन प्रदान और संचालित कर रही है ने इस साल की शुरुआत में मेरठ से नोएडा में यूपी के मेडिकल नमूने देने के लिए परीक्षण किया था. सीईओ ने कहा कि वे उड़ानों के वास्तविकता बनने से पहले गणना करने के लिए आवश्यक चुनौतियों को मापने के लिए पिछले परीक्षण रन के डेटा का अध्ययन करेंगे. कंपनियां अभी इसके लिए ट्रायल रन कर रही हैं. अभी तक कोई भी कॉमर्शियल ऑपरेशन शुरू नहीं किया गया है. अभी कहीं ऐसी दिक्कतें हैं जिन्हें दूर किया जाना जरूरी है, उसी के बाद ये सफल तरीके से चल पाएगा.