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दंपति ने खोई हुई बिल्ली ढूंढने के लिए रखा इनाम....खुद भूखे रहकर पालतू 20 बिल्लियों का पेट भरते हैं इंद्रजीत

दुर्गापुर के एक दंपति ने अपनी लापता लालकी (बिल्ली) को खोजने के लिए 5,000 रुपये के इनाम की घोषणा की है. लालकी की तलाश में उन्होंने सोशल मीडिया पर औद्योगिक क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में लालकी की तस्वीरों वाले पोस्टर चिपका दिए हैं.

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हाइलाइट्स
  • आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं इंद्रजीत

  • बिल्ली के लिए रखा 5 हजार का इनाम

दुर्गापुर के एक दंपति ने अपनी लापता लालकी (बिल्ली) को खोजने के लिए 5,000 रुपये के इनाम की घोषणा की है.  लालकी की तलाश में उन्होंने सोशल मीडिया पर औद्योगिक क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में लालकी की तस्वीरों वाले पोस्टर चिपका दिए हैं. अपनी प्रिय बिल्ली के खो जाने का इन लोगों को बड़ा दुःख है और उन्होंने बिल्ली की याद में खाना-पीना सब त्याग दिया है. लालकी घर कब लौटेगी इसके लिए ये दम्पति उस दिन के घंटे गिन रहा है.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं इंद्रजीत

दरअसल, लालकी इस निःसंतान दंपत्ति की पालतू बिल्ली है जिसे वो अपने बच्चे की तरह प्यार करते हैं. दंपति का नाम इंद्रजीत भट्टाचार्य (44) और देवस्मिता भट्टाचार्य (30) है. करीब 7 साल पहले दोनों की शादी हुई थी. इंद्रजीत बाबू एक निजी कंपनी के मुख्य लेखाकार थे. लॉकडाउन में उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था. उनकी पत्नी देवस्मिता देवी एक जटिल लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं. इंद्रजीत इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. कई समस्याओं और पीड़ाओं के बीच भी वो अपनी बिल्ली की देखभाल करना नहीं भूलते. उनका मानना है कि जीवन की लड़ाई में उनका मनोबल बढ़ाने और भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए उन्होंने खुद को जानवरों और पक्षियों की सेवा में लगाया है.

बिल्लियों को दिया घर में आश्रय

इंद्रजीत रामकृष्ण पल्ली इलाके में किराए के मकान में रहते हैं. वह लगभग 5 वर्षों से बिल्ली की देखभाल कर रहे हैं. क्षेत्र की लगभग 20 बिल्लियां और 10 जानवर उनके पालतू बन गए हैं उन्होंने उनमें से प्रत्येक का नाम भी रखा है. उन्होंने लगभग 15 बिल्लियों की रक्षा के लिए घर के अंदर एक 'बिल्ली का घर' बनाया है.  इसी बीच लालकी नाम की बिल्ली जनवरी में लापता हो गई. 

बिल्ली के लिए रखा 5 हजार का इनाम

लालकी को खोजने के लिए सोशल मीडिया पर इनाम की घोषणा की गई है.  साथ ही आसपास के इलाके की दीवारों पर पोस्टर छपवाकर चिपकाए गए. लापता होने के करीब तीन महीने बाद भी ये दंपत्ति लालकी की तलाश कर रहे हैं. इंद्रजीत बाबू ने कहा, लालकी हमारा बच्चा है और हम उससे बहुत प्यार करते हैं. पहले तो मैंने उसे ढूंढने के लिए 2000 रुपये का इनाम रखा था. मैंने अपनी पत्नी के इलाज के लिए अभी तक 5,000 रुपये बचाए हैं.  कमाई अब बंद है लेकिन हम उन्हें खिलाए बिना नहीं खा सकते. क्षेत्र के कई लोगों ने बिना जाने ही इन लाचार प्राणियों को प्रताड़ित करते हैं.

(अनिल गिरि की रिपोर्ट)