अगर आप भी अनोखे स्वाद के शौकीन हैं तो अमेरिका का एक कैफे आपको हैरान कर देगा. ये कैफे अपने बर्गर के लिए दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन इसकी खासियत केवल टेस्ट तक सीमित नहीं है. यहां बर्गर को 100 साल पुराने तेल में तलकर बनाया जाता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसे बना ये बर्गर लोगों का फेवरेट.
कहां है यह कैफे?
ये कैफे अमेरिका के इलिनॉइस के डेकेटर शहर में है. इस कैफे का नाम डायर्स बर्गर है. कैफे की खासियत ये है कि इसका फ्राइंग ऑयल 1912 से लगातार इस्तेमाल हो रहा है. जिसे आज तक बदला नहीं गया है. इस बर्गर को खाने वाले लोग बिना किसी हाइजीन का ख्याल रखे बड़े चाव से ये बर्गर खाते हैं.
क्या है 100 साल पुराने तेल की कहानी
दरअसल, डॉक डायर ने अमेरिका के मेमफिस नाम के शहर में एक बर्गर प्वाइंट की शुरूआत की थी. डायर के बर्गर खास तैर पर मसालेदार ग्राउंड बीफ बनाते थे. एक दिन हुई एक छोटी गलती ने उनकी किस्मत बदल कर रख दी. डायर बर्गर के ऑनर रॉबर्टसन ने बताया कि, 'एक दिन शेफ पैन से तेल नहीं बदला और उसी पैन में बर्गर बना दिया. जब अगले दिन एक कस्टमर आया तो उसे ये बर्गर काफी अच्छा लगा. उसने बोला कि ये बर्गर उसकी लाइफ का बेस्ट बर्गर है. तब से लेकर इस पैन का तेल अभी तक बदला नहीं गया है.
हाइजीन का रखा जाता है पूरा ख्याल
कैफे के मालिक रॉबर्टसन का कहना है कि भले ही इस ग्रीस को 100 सालों से नहीं बदला गया हो लेकिन इसे इस्तेमाल करने में हाइजीन का पूरा ख्याल रखा जाता है. ग्रीस को छानकर और साफ कर के इस्तेमाल किया जाता है. रॉबर्टसन कहते हैं कि ग्राहकों को इसके बारे में अच्छे से पता है. बावजूद इसके लोग इस बर्गर को बड़े चाव से खाते हैं.
कैसे बनता है ये बर्गर
रॉबर्टसन ने बताया कि इसे बर्गर को 'डबल डिपिंग इट' कहते हैं. वे पूरा बर्गर, बन और बाकी सब कुछ लेकर ग्रीस में डुबोते हैं, फिर उसे लपेटकर कस्टमर को देते हैं. वहीं इस बर्गर का स्वाद इतना खास है कि इसे चखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.