आजकल वर्क लाइफ बैलेंस पर बहुत चर्चा हो रही है. वर्क-लाइफ बैलेंस का मतलब है, अपने काम और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन बनाए रखना. लेकिन काम के दबाव में हम अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं. वहीं कुछ लोग अपनी एफिशिएंसी के दम पर काम को बेहतर ढंग से कर पाते हैं. दरअसल सफल लोगों की अपने समय और काम को लेकर अप्रोच अलग होती है. इसलिए वे ज्यादा प्रोडक्टिविटी के साथ अपने काम को अंजाम देते हैं.
लेखक ब्रायन ट्रेसी ने अपनी किताब Eat The Frog में एक ऐसी तकनीक के बारे में बात की है! जिसकी मदद से आप अपने काम में और ज्यादा प्रोडक्टिविटी ला सकते हैं. ये तकनीक स्ट्रेस मैनेजमेंट में भी कारगर है.
क्या है Eat The Frog तकनीक
प्रोडक्टिविटी बढ़ाने का ईट द फ्रॉग तरीका लोगों को सुबह सबसे पहले सबसे अपने मुश्किल और चुनौतीपूर्ण कामों को निपटाने को कहता है. सफल और प्रभावशाली लोग वे होते हैं जो सीधे बड़े कामों में लग जाते हैं, यह तरीका स्ट्रेस घटाने, फोकस बढ़ाने और टाइम मैनेजमेंट में भी मदद करता है. अगर आप इस तकनीक को फॉलो करेंगे तो ये आपके काम में होने वाली देरी को कम करेगा और आपको सही समय पर काम को पूरा करने में मदद करेगा.
इस प्रोडक्टिविटी तकनीक से तनाव होगा कम
एक बार जब आप अपना सबसे मुश्किल काम पूरा कर लेते हैं तो आपका बचा हुआ दिन आसान और स्ट्रेस फ्री लगता है. इस तकनीक में ट्रेसी ने फ्रॉग को एक मेटाफर के रूप में यूज किया है. यहां फ्रॉग का मतलब होता है आपका सबसे बड़ा और सबसे जरूरी काम. अगर आपके पास दो फ्रॉग्स हैं तो आपको सबसे पहले वो फ्रॉग खाना चाहिए जो सबसे बड़ा और सबसे कठिन है. इसका मतलब ये है कि अगर आपके पास दो बहुत जरूरी काम हैं तो उनमें से सबसे जरूरी और कठिन काम को पहले करें.
सबसे महत्वपूर्ण काम पहले करने की आदत डालें
आपको सबसे महत्वपूर्ण काम पहले करने की आदत विकसित करना चाहिए, ये प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने का सबसे कारगर तरीका है. हर सुबह जब आप अपना काम शुरू करते हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करना चाहिए. प्रोडक्टिविटी बढ़ाने का एक और तरीका है अपने रूटीन को लेकर नियम बनाना. खुद को एनलाइज करें कि आप सबसे अच्छा काम किस समय कर पाते हैं. अपना बेस्ट काम उस वक्त करें जब आप सबसे ज्यादा ऊर्जावान महसूस करते हैं. दोपहर का समय गैरजरूरी कामों के लिए बचा लें.
अपने "फ्रॉग" की पहचान करें
एक नोटबुक लें और उन कामों की लिस्ट बनाएं जिन्हें आपको पूरा करने की जरूरत है. "eat the frog" तकनीक को लागू करने के लिए दिन के लिए अपने सबसे चुनौतीपूर्ण या महत्वपूर्ण काम की पहचान करें. ये काम आपके ऑफिस, घर या निजी भी हो सकता है. एक बार जब आप अपने "फ्रॉग" की पहचान कर लें, तो सुबह सबसे पहले उसके लिए टाइम निकालें और उस काम को जल्द से जल्द निपटा लें.