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Ellora Caves: आइकॉनिक एलोरा की गुफाओं में जल्द लगाई जाएगी हाइड्रोलिक लिफ्ट, ऐसा करने वाली भारत की पहली हेरिटेज साइट होगी ये जगह 

एलोरा की गुफाओं में जाने में अब और भी सहूलियत होने वाली है. पर्यटकों के लिए इस जगह अब हाइड्रोलिक लिफ्ट लगाई जाएगी. इसकी मदद से इस जगह को अब और भी बेहतर बनाया जा सकेगा. ऐसा करने वाली यह भारत की पेही हेरिटेज साइट होगी.

Ellora caves Ellora caves
हाइलाइट्स
  • अलग-अलग समय हुई है गुफाओं की खुदाई 

  • और बेहतर बनाया जा सकेगा इस जगह को 

भारत में ऐतिहासिक स्मारकों में से एक, अजंता एलोरा गुफाएं यूनेस्को की वर्ल्ड  हेरिटेज साइट के तहत मान्यता प्राप्त हैं. अजंता-एलोरा में  जैन, बौद्ध और हिंदू संस्कृतियों की गुफाएं और मंदिर हैं. यह भारत में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले ऐतिहासिक स्थानों में से एक है. अब इस जगह जल्द ही हाइड्रोलिक लिफ्ट लगाई जाने वाली है. बता दें, यह भारत की ऐसी पहली हेरिटेज साइट होगी जहां हाइड्रोलिक लिफ्ट लगाई जाएगी.

और बेहतर बनाया जा सकेगा इस जगह को 

दरअसल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अनुसार, इस पहल से एलोरा की गुफाओं को पर्यटकों के लिए और भी बेहतर बनाया जा सकेगा. इस हेरिटेज टूर को बेहतर पर्यटक अनुभव बनाने के लिए एएसआई पहले से ही कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है.  

क्या है एलोरा गुफाओं का इतिहास?

बताते चलें, एलोरा की गुफाएं दुनिया की सबसे बड़ी चट्टानों को काटकर बनाई गई संरचनाओं में से एक है. और इसीलिए इसे भारत के सर्वश्रेष्ठ विरासत स्थलों में से एक माना जाता है. यहां लगभग 34 गुफाएं हैं. इन गुफाओं में से एक कैलाश मंदिर भी है जो सबसे बड़ा है. अब अगर इसके इतिहास की बात करें तो औरंगाबाद से 30 किमी दूर स्थित, यह स्थल लगभग 600 ईस्वी से 1000 ईस्वी पूर्व का है. 

अलग-अलग समय हुई है गुफाओं की खुदाई 

पश्चिमी भारत के महाराष्ट्र के चरणनंदरी पहाड़ियों में एलोरा में 34 गुफाएं हैं. 6 वीं शताब्दी से 12 वीं शताब्दी तक रॉक-कट गतिविधि तीन चरणों में की गई थी. 5 वीं और 8 वीं शताब्दी के बीच खुदाई की गई सबसे पुरानी गुफाएं जिसमें गुफा संख्या 1 से 12 तक शामिल हैं, इस क्षेत्र में प्रचलित बौद्ध धर्म के महायान दर्शन को दर्शाती हैं. 

वहीं, प्रसिद्ध कैलाश मंदिर गुफा नंबर 16 है. इसकी और ब्राह्मणवादी समूह यानि 13 से 29 संख्या वाली गुफाओं की खुदाई 7वीं और 10वीं शताब्दी के बीच की गई थी. सबसे आखिरी चरण में , 9वीं और 12वीं शताब्दी के बीच, जैन दर्शन को दर्शाते हुए 30 से 34) संख्या वाली  गुफाओं की खुदाई की गई.