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इंजीनियरिंग के छात्रों का कमाल, कबाड़ से जुगाड़ कर बनाया हाइब्रिड ई-ऑटो, न पेट्रोल का खर्च न डीजल का

झारखंड में इंजीनियरिंग फाइनल ईयर के कुछ छात्रों ने मिलकर हाइब्रिड ई-ऑटो बनाया है और वह भी कबाड़ की चीजों का इस्तेमाल करके. इस ऑटो को बिजली के साथ-साथ सोलर एनर्जी से भी चलाया जा सकता है.

Representational Image (Wikimedia Commons) Representational Image (Wikimedia Commons)
हाइलाइट्स
  • फाइनल ईयर को छात्रों ने बनाया हाइब्रिड ई-ऑटो

  • बिजली और सोलर एनर्जी, दोनों से चार्ज हो सकती है बैटरी

झारखंड के रामगढ़ जिले में मुरुबन्दा स्थित रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज के फाइनल ईयर में पढ़ाई कर रहे छात्र, आशीष कुमार और अमित कुमार ने कमाल कर दिया है. ग्रामीण इलाके में इन युवाओं ने अपना स्टार्टअप शुरू किया है, जिसके तहत वे हाइब्रिड ई-ऑटो बना रहे हैं. 

किया कबाड़ से जुगाड़
GNT Digital से बातचीत में छात्रों ने बताया कि उन्होंने कबाड़ से जुगाड़ कर हाइब्रिड ई ऑटो बनाया है. इसे बनाने में इन्हें 60 से 65 हज़ार रुपये लगे है. हालांकि, उनका कहना है कि ऐसे एकदम नए ऑटो का निर्माण 1 से सवा लाख रुपये में किया जा सकता है. छात्रों के अनुसार ये लोग मार्केट रेट से आधी कीमत पर ई-ऑटो का निर्माण कर सकते हैं और वह भी सोलर की सुविधा के साथ. 

क्या हैं ई-ऑटो की खासियत 
बात खासियत की करें तो इस हाईटेक ई-ऑटो में न ही पेट्रोल भराने का झंझट है और न ही डीजल भराने का. इस ई-ऑटो की बैटरी को बिजली और सौर ऊर्जा, दोनों से ही चार्ज किया जा सकता है. इसमें सबसे खास बात यह है कि पेट्रोल-डीजल से चलने वाली ऑटो में प्रति किलोमीटर जो खर्च आता है, इस ई-ऑटो को उससे दस गुना कम खर्च पर चलाया जा सकता है.  

इस प्रदूषण मुक्त ई-ऑटो की बैटरी फूल चार्ज होने पर 60 किलोमीटर चलती है. और बीच में ऑटोमेटिक सौर ऊर्जा से चार्ज होते रहने से यह 90 किलोमीटर तक चल जाती है. इस ई ऑटो को 40 से 45 किलोमीटर की स्पीड पर चलाया जा सकता है.
 
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम बने प्रेरणा
इलेक्ट्रिक ऑटो बनाने वाले इन छात्रों ने बताया कि बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमत को देखते हुए मन में विचार आया कि कुछ हटके काम किया जाए. इस ई ऑटो में सारा सामान स्क्रैप का लगा हुआ है. अब इन छात्रों का प्रयास है कि इसे किसी कंपनी से पेटेंट करा कर लॉन्च किया जाए, ताकि यह सौर ऊर्जा से चार्जेबल ई-ऑटो आम लोगों को उपलब्ध हो सके. 

एन इस्लाम, वाइस प्रिंसिपल, रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज का कहना है कि छात्रों ने ग्रेजुएट होने के पहले इस ई-ऑटो का निर्माण कर दिया और यह बहुत गर्व की बात है. आज के युवा प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने को साकार करने में लगे हैं. 

(राजेश वर्मा की रिपोर्ट)