परंपरागत खेती की जगह उद्यानिकी अपनाकर हरदा के एक संयुक्त किसान परिवार ने न केवल करोड़ों में कमाई की है बल्कि सैंकड़ों खेतिहर मजदूरों के लिए रोजगार का स्थाई साधन बना दिया है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस किसान परिवार से मुलाकात की और पत्रकारों की तरह इंटरव्यू लेकर उनकी सफलता की कहानी को समझा. साथ ही किसान की खूब सहारना भी की.
खेती का पैटर्न बदलने से हुआ अच्छा मुनाफा
हरदा जिले के सिरकंबा गांव के उन्नत किसान मधु धाकड़ का परिवार संयुक्त रूप से खेती के काम में लगा है. बीते कुछ वर्षों से इस किसान परिवार ने खेती के पैटर्न को बदल कर रख दिया है. यह उनका एक क्रांतिकारी परिवर्तन साबित हुआ है. गेहूं, चना, सोयाबीन जैसी परंपरागत फसलों की जगह इस किसान परिवार ने उद्यानिकी को चुना और अपनी डेढ़ सौ एकड़ जमीन पर टमाटर, मूंगफली, मिर्च, शिमला मिर्च और अदरक उगा कर समृद्धि का नया मार्ग खोल लिया. कृषि मंत्री कमल पटेल इस परिवार से मिलने पहुंचे जहां वह एक मंत्री की जगह पत्रकार की भूमिका में नजर आए.
दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने मधु धाकड़
कृषि मंत्री ने पहले तो कुशल एंकर की तरह किसान मधु धाकड़ का परिचय दिया. फिर सवाल करते हुए सफलता की कहानी समझी. कृषि मंत्री ने इसे दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. यह किसान परिवार अपने आप में मिसाल है.
सिर्फ टमाटर से हुआ 8 करोड़ का मुनाफा
कृषि मंत्री कमल पटेल ने मधु धाकड़ से कुल 150 एकड़ क्षेत्र में टमाटर, शिमला मिर्च, अदरक के लिए वर्गीकृत किए गए रकबे की जानकारी ली. हर फसल के उत्पादन पर आने वाली लागत और मुनाफे की जानकारी ली. किसान मधुसूदन धाकड़ ने बताया कि उसने उद्यानिकी की फसलों पर 10 लाख रुपए प्रति एकड़ मुनाफा कमाया है जिसमें से अकेले टमाटर से उसे 8 करोड़ रुपए की आय हुई है.
कृषि मंत्री ने कहा कि परंपरागत खेती की जगह उद्यानिकी में लागत अधिक आती है लेकिन मुनाफा भी उसी के अनुसार मिलता है. यह किसान परिवार प्रति एकड़ करीब दस लाख रुपए का मुनाफा अर्जित कर रहा है इसके साथ ही करीब 350 खेतिहर मजदूरों के लिए रोजगार का इंतजाम भी कर दिया है.
रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट