हरियाणा के रेवाड़ी के गांव कंवाली के रहने वाले किसान यशपाल खोला पढ़े लिखे युवाओं की प्रेरणा बन चुके हैं. एक तरफ जहां पढ़ा-लिखा युवा खेती से विमुख हो रहा है वहीं यशपाल खोला ने ग्रेजुएशन करने के बाद खेती-बाड़ी को ही करियर के रूप में चुना. साल 2014 में उन्होंने खेती करना शुरू किया था लेकिन वर्ष 2017 आते-आते उनका झुकाव ऑर्गेनिक खेती की ओर होता चला गया. आज यशपाल 53 एकड़ में ऑर्गेनिक खेती कर लाखों के वारे न्यारे कर रहे हैं.
दरअसल, धारूहेड़ा में यशपाल का धारूहेड़ा एग्रो फार्म है, जहां तमाम तरह की सब्जियों का उत्पादन किया जाता है. सब्जियों के साथ-साथ सरसों व गेहूं की भी ऑर्गेनिक खेती की जाती है. यहां तक की यशपाल शहद भी अपने एग्रो फार्म में तैयार करते हैं. अपने एग्रो फार्म में उत्पादित सरसों से तेल निकाल कर भी वह बिक्री कर रहे हैं. यशपाल को ऑर्गेनिक खेती के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है. वे रेवाड़ी जिले के ऑर्गेनिक खेती के ब्रांड एंबेस्डर हैं.
रिवाड़ी से लेकर गुरुग्राम तक सब्जियों के मुरीद
यशपाल की ऑर्गेनिक सब्जियों का मुरीद रेवाड़ी जिला हीं नहीं, बल्कि उनकी सब्जियों की गुरुग्राम में भी बड़ी मांग है. रेवाड़ी के लिए तो उन्होंने सब्जी व अन्य उत्पादों की बिक्री के लिए एक वैन तैयार की हुई है. ये वैन सब्जियां व अन्य उत्पाद लेकर घर घर जाती है. वहीं, गुरुग्राम में भी वह सब्जियां घर घर पहुंचा रहे हैं.
53 एकड़ जमीन में कर रहे हैं ऑर्गेनिक खेती
आपको बता दें, यशपाल खोला साल 2017 से ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. इसमें 13 एकड़ खेती वे अपने गांव कवाली में करते हैं और 40 एकड़ धारूहेड़ा में. धारूहेड़ा में ही उन्होंने धारूहेड़ा एग्रो फार्म बनाया हुआ है, जिसमें सभी तरह की सब्जियां उगाई जाती हैं. वहां सब्जियों के साथ-साथ गेहूं व सरसों का भी उत्पादन होता है.
यशपाल बताते हैं कि वे ऑर्गेनिक खेती के लिए सिंचाई तकनीक का उपयोग करते हैं. ऐसा करने से पानी की बचत होती है.
खुद लगाया वर्मी कंपोस्ट प्लांट
किसान यशपाल ने जैविक खेती करने ठानी तो सबसे पहले खुद का ही वर्मी कंपोस्ट प्लांट लगाया तथा जैविक खाद बनाना शुरू किया. इसके अलावा फसलों को कीट आदि से बचाने के लिए जीवामृत भी वह अपने स्तर पर ही तैयार करते हैं. फसलों में लस्सी व गोमूत्र से बने कीटनाशक का ही छिड़काव किया जाता है.
किसान यशपाल सिर्फ जैविक सब्जियां ही नहीं, अनाज भी जैविक ही पैदा करते हैं. जैविक सरसों के साथ ही गेहूं की भी अच्छी खासी पैदावार होती है. यशपाल का कहना है कि किसान अच्छे से जानकारी लेकर खेती करें तो जैविक खेती से भी पूरा उत्पादन हासिल किया जा सकता है.
अनाज मंडी बनाए सरकार
यशपाल का कहना है कि सरकार जैविक खेती को लगातार बढ़ावा दे रही है. किसान लगातार जैविक खेती की ओर आकर्षित भी हो रहे हैं. लेकिन किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए फर्टिलाइजर से उत्पादित सब्जी मंडियों में ही ले जानी चाहिए. और सरकार को चाहिए कि वे जैविक खेती के लिए अलग मंडी का निर्धारण करें.
(देशराज चौहान की रिपोर्ट)