G20 के लिए पूरे भारत को सजाया जा रहा है. दिल्ली के कई इलाकों पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है. चाहे दिल्ली एयरपोर्ट का रास्ता हो यमुना की सफाई हो या दिल्ली में स्थित मॉन्यूमेंट या फिर दिल्ली का दिल कनॉट प्लेस. दिल्ली के मध्य में स्थित दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस को G20 के लिए तैयार किया जा रहा है. कनॉट प्लेस की बिल्डिंग लगभग 90 साल पुरानी हो चुकी है. खिड़कियां टूटने लगी हैं. फर्श में दरारे आने लगी हैं, लोगों ने दीवारों पर पान थूक कर गंदा कर दिया है. ऐसे में अब पूरे कनॉट प्लेस को एक बार फिर से सफेद दूधिया रंग से रंगा जा रहा है. फर्श पर भी घिसाई का काम किया जा रहा है, जिस बिल्डिंग की खिड़कियां, छत टूटने लगी हैं उन्हें भी दोबारा बनाया जा रहा है. नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के साथ इंडियन नेसनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड हेरिटेज और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मिलकर कनॉट प्लेस के जीर्णोधार का जिम्मा लिया है.
ब्रिटिश काल की तरह खिल उठेगा ये ऐतिहासिक बाजार
कनॉट प्लेस में इनर सर्कल और आउटर सर्कल से लेकर रेडियल सड़कों और इमारतों को दोबारा से सफेद दूधिया रंग से पेंट किया जाएगा. ब्रिटिश काल में जैसे कनॉट प्लेस का बाजार सफेद लिली की तरह जगमगाता था वैसे ही जगमगाए यह कोशिश की जा रही है. दीवारों और खंभों में वाइटवॉश के साथ-साथ रिपेयरिंग का काम भी किया जा रहा है. लगभग तीन महीनों से ये काम चल रहा है. 30 जून तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
लोगों ने पान थूक कर दीवारों को कर दिया था गंदा
कॉमनवेल्थ गेम के बाद कनॉट प्लेस अपने जीर्णोधार की राह देख रहा था लेकिन इतने सालों में मैं तो प्रशासन ने कनॉट प्लेस की सुध ली और यहां आने वाले लोगों ने इसे और गंदा करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी कनॉट प्लेस की दीवारों में लोगों ने पान गुटका खा कर सफेद दीवारों खंभों को लाल कर दिया था कनॉट प्लेस की दीवारें इतनी पुरानी है कि उनसे सीमेंट भी झड़ने लगा है, इसमें अब ये मरम्मत का काम कनॉट प्लेस को नया नवेला बना देगा.