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Gardening tips: किचन गार्डन में कैसे उगाएं सरसों का साग? 30 दिन में हो जाएगा तैयार

Mustard Greens: सरसों का साग किचन गार्डन में भी उगा सकते हैं. सरसों का साग अक्टूबर से नवंबर के महीने में सबसे अच्छी होती है. 25 से 30 दिन के भीतर यह तैयार हो जाती है. सरसों का बीज 4 से 14 दिनों में अंकुरित होने लगता है. साग की ग्रोथ तेजी से होती है. हर 10 दिन बाद थोड़ा-थोड़ा वर्मीकंपोस्ट डालना चाहिए.

Mustard Greens Mustard Greens

जगह-जगह लोग किचन गार्डन में सब्जियां उगा रहे हैं. इसमें प्याज, मूली, गोभी, मिर्च, पालक, लौकी, करेली, सरसों का साग शामिल हैं. कुछ जरूरी टिप्स के साथ किचन गार्डन में आसानी से सब्जियां उगाई जा सकती हैं. सरसों के साग को भी गमले में उगाया जा सकता है. सरसों का साग 25 से 30 दिन में तैयार हो जाता है. चलिए आपको किचन गार्डन में सरसों का साग उगाने का तरीका बताते हैं.

कैसे तैयार करें बीज-
सरसों का साग उगाने के लिए अच्छी क्वालिटी का बीज होना जरूरी है. इसके बाद बीजों को पानी में डालकर अच्छी तरह से धो लेना चाहिए. फिर अच्छे बीजों का छान लेना चाहिए और उसे सूखने के लिए रख दें. अब ये बीज बुआई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

कैसे तैयार करें मिट्टी-
सरसों का साग वैसे तो हर तरह की मिट्टी उग सकता है. लेकिन सबसे अच्छी फसल बलुई दोमट मिट्टी में होती है. सरसों का साग उगाने के लिए बीजों को सीधे मिट्टी में बोना होता है. साग की बुआई के लिए मिट्टी को अच्छी तरह से साफ करें. इसके बाद इसमें वर्मीकंपोस्ट मिलाएं. इसके बाद गमले में थोड़े गैप पर लाइन बनाएं. इसके बाद इन लाइनों में सरसों के बीज को बोएं. बुआई के बाद इसमें ऊपर थोड़ा पानी का छिड़काव करें.

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कब देना चाहिए पानी-
जब तक मिट्टी में नमी रहे, तब तक पानी का छिड़काव ना करें. जब मिट्टी हल्की-हल्की सूखने लगे तो पानी का छिड़काव करें. इसका बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि गमले में ज्यादा पानी ना हो, इससे साग की कम हो जाती
है.

कितने दिन में तैयार होगा साग-
सरसों का साग 25 से 30 दिन के भीतर तैयार हो जाता है. सरसों का बीज 4 से 14 दिनों में अंकुरित होने लगता है. साग की ग्रोथ तेजी से होती है. हर 10 दिन बाद थोड़ा-थोड़ा वर्मीकंपोस्ट डालना चाहिए. 25 दिनों के बाद ये साग पूरी तरह से तैयार हो जाता है. उसके बाद इसको काटकर इस्तेमाल किया जा सकता है.

सरसों के साग को कैंची से काटा जा सकता है. पौधे से कई बार साग निकाल सकते हैं. सरसों की छोटी पत्तियां अधिक कोमल और कम कड़वी होती है. अगर जड़ से निकाल लेंगे तो फिर से बीजों की बुआई करनी पड़ेगी. इसलिए पौधे से पत्तियों का काटते रहना चाहिए. इससे पत्ते बढ़ते रहेंगे.

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