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लड़कियां झट से कर लेती हैं अलग-अलग रंगों की पहचान, जानें क्या है इसके पीछे का विज्ञान

एक रिपोर्ट के मुताबिक रंगों की पहचान करने में पुरुषों की तुलना में महिलाएं काफी तेज होती हैं और उनमें रंगों की पहचान करने की क्षमता ज्यादा होती है. महिलाएं हर रंग के अंदर मौजूद रहने वाले शेड को भी पहचान लेती हैं.

रंगों के शेड्स समझने में महिलाओं को होती है आसानी. (सांकेतिक तस्वीर) रंगों के शेड्स समझने में महिलाओं को होती है आसानी. (सांकेतिक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • ज्यादा रंग और शेड्स समझती हैं लड़कियां

  • पुरुष नहीं कर पाते रंगों में ज्यादा पहचान

लड़कियों को लड़कों के मुकाबले ज्यादा रंगों और शेड्स की समझ होती है. अक्सर हम देखते हैं कि लड़कियां मिलते-जुलते रंगों को झट से पहचान लेती हैं. लेकिन पुरुष रंगों में ज्यादा पहचान नहीं कर पाते हैं और वे मिलते-जुलते रंगों को साधारण रंगों के नाम के साथ बोल देते हैं. जैसे- चेरी रेड, रोज रेड, जैम रेड, गार्नेट रेड, उनके लिए यह सारे रंग लाल ही होते हैं. चलिए आपको इसका पीछे का साइंस भी समझाते हैं. 

दरअसल, एक रिपोर्ट के मुताबिक रंगों की पहचान करने में पुरुषों की तुलना में महिलाएं काफी तेज होती हैं और उनमें रंगों की पहचान करने की क्षमता ज्यादा होती है. इसका कारण है कि पुरुष किसी भी रंग को साधारण तरीके से देखते हैं, जबकि महिलाएं उस रंग के अंदर मौजूद रहने वाले शेड को भी पहचान लेती हैं.

हार्मोन से संबंधित है रंगों की पहचान 

आपको जानकर हैरानी होगी कि रंगों की पहचान हार्मोन से संबंधित है जो पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग होते हैं. रिसर्चर्स की माने तो पुरुषों और महिलाओं के शुरुआती विकास के समय टेस्टोस्टेरॉन का एक्सप्रेशन दिमाग के विजुअल कॉर्टेक्स में मौजूद न्यूरॉन्स को प्रभावित करता है.

महिलाओं से ज्यादा कलर ब्लाइंड हैं पुरुष 

एक स्टडी ने पुष्टि की है कि पुरुषों में रंगों के बीच अंतर बताने के लिए संघर्ष करने की अधिक संभावना है. क्योंकि 255 महिलाओं में से एक की तुलना में 12 में से एक पुरुष कलर ब्लाइंड है. हैन्यूकैसल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का यह भी मानना ​​है कि कुछ महिलाएं औसत इंसान की तुलना में 99 मिलियन अधिक रंग देख सकती हैं.

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