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Newlyweds के लिए अच्छी खबर, तिरुपति बालाजी मंदिर में नहीं लगानी पड़ेगी लंबी लाइन, टिकट के जरिए कर पाएंगे आराम से दर्शन

आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने एक अनूठी पहल शुरू की है. जीवन की नई यात्रा शुरू करने वाले कपल के लिए ट्रस्ट सुविधायुक्त दर्शन की पेशकश कर रहा है.

Tirupati Balaji Temple Tirupati Balaji Temple
हाइलाइट्स
  • टिकट के जरिए कर पाएंगे आराम से दर्शन

  • तिरुपति बालाजी मंदिर में नहीं लगानी पड़ेगी लंबी लाइन

शादियों का मौसम शुरू होते ही तिरुपति बालाजी मंदिर में नए शादीशुदा जोड़ों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है. मान्यता है कि अगर कोई शादीशुदा जोड़ा भगवान तिरुपति के दर्शन करता है और दान करता है तो उसकी शादीशुदा जिंदगी अच्छी गुजरती है. आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने एक अनूठी पहल शुरू की है. जीवन की नई यात्रा शुरू करने वाले कपल के लिए ट्रस्ट सुविधायुक्त दर्शन की पेशकश कर रहा है.

नहीं लगानी पड़ेगी लंबी लाइन

परंपरा के अनुसार, शादी के तुरंत बाद कपल अपनी शादी के कपड़े पहनकर तिरुमाला मंदिर जाकर दर्शन करते हैं. ये उनके जीवन में शुभ शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. टीटीडी ने अब नवविवाहित जोड़ों के दर्शन के एक्सपीरिएंस को बेहतर बनाने के लिए टिकट सिस्टम पेश किया है. इससे दर्शन करने के लिए भक्तो को लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी.

1000 रुपये में खरीद सकते हैं टिकट

जो कपल हाल ही में वैवाहिक बंधन में बंधे हैं, वे तिरुमाला में कल्याणोत्सवम सेवा के लिए आवेदन कर सकते हैं. टीटीडी की आधिकारिक वेबसाइट इन विशेष दर्शनों के लिए प्रति दिन 20 टिकट रिजर्व करती है, जिनकी कीमत 1000 रुपये है. ये टिकट विवाह समारोहों और विशेष दर्शन अनुभव दोनों के लिए वैध हैं.

इन दस्तावेजों की होगी जरूरत

इस अवसर का लाभ उठाने के लिए, नवविवाहितों को विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है. कपल को सबूत के तौर पर अपनी शादी की तस्वीरें लेकर सीआरओ ऑफिस में अर्जिता सेवा लकी डिप काउंटर पर जाना होगा. इसके अलावा कपल का आधार कार्ड भी अहम दस्तावेज है. आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद नवविवाहित जोड़े सीधे कल्याणोत्सवम टिकट प्राप्त कर सकते हैं.

तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर प्रतिष्ठित हिंदू मंदिरों में से एक है, जो विष्णु के स्वरूप भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है. आंध्र प्रदेश में तिरूपति से 22 किमी दूर तिरुमाला के सुरम्य पहाड़ी शहर में स्थित यह मंदिर सदियों से चले आ रहे समृद्ध ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य भव्यता को समेटे हुए है.

क्या है इस मंदिर का इतिहास

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान वेंकटेश्वर राजा अकासा राजा की बेटी देवी पद्मावती से विवाह करने के लिए तिरुमाला गए थे. शादी के खर्चों के लिए उन्होंने धन के देवता कुबेर से उधार लिया और कलियुग के अंत तक ऋण चुकाने का वचन दिया. इस प्रकार, भगवान वेंकटेश्वर तिरुमाला में निवास करते हैं और भक्तों से प्रसाद और दान स्वीकार करते हैं. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान वेंकटेश्वर के सामने प्रार्थना करते हैं, उनकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं.