scorecardresearch

Google Doodle on Panipuri: आपको पसंद हैं गोलगप्पे तो पढ़े इनका खट्टा-मीठा इतिहास, मगध से लेकर महाभारत काल तक है जिक्र

पानीपुरी, फुचका, पुचका, गुपचुप, या पानी के पताशे जैसे नामों से जाने जाने वाले गोलगप्पे भारत का सबसे मशहूर स्नैक हैं और हर जगह ये एक अलग स्वाद के साथ मिलते हैं.

History of Golgappa History of Golgappa
हाइलाइट्स
  • स्ट्रीट फूड के राजा हैं गोलगप्पे

  • महाभारत काल से तार जुड़े होने की संभावना

गूगल ने मशहूर दक्षिण एशियाई स्ट्रीट फूड 'पानी पुरी' पर डूडल शेयर किया है. दरअसल, 12 जुलाई 2015 को मध्य प्रदेश के इंदौर के एक रेस्तरां ने 51 पानी वाले गोल गप्पे परोसने का विश्व रिकॉर्ड हासिल किया था. 

आलू, छोले, मसालों या मिर्च और सुगंधित पानी से भरे कुरकुरे स्नैक को गोल गप्पे, फुचका, पानी का बताशा या पताशा, गुप चुप, फुल्की, पकौड़ी जैसे नामों से जाना जाता है. अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग नाम और स्वाद वाले गोलगप्पे आपको मिलेंगे. मजेदार बात यह है कि गोलगप्पे सिर्फ भारतीयों के बीच नहीं बल्कि विदेशी लोगों को भी खूब भाते हैं. 

स्ट्रीट फूड के राजा हैं गोलगप्पे
महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में, गोलगप्पे में आमतौर पर उबले हुए चने, सफेद मटर और स्प्राउट्स की फिलिंग होती है और इन्हें खट्टे और मसालेदार पानी के साथ खिलाया जाता है. वहीं, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य उत्तर-भारतीय राज्यों में, आलू और चने से भरे गोलगप्पों को जलजीरा के पानी के साथ खाते हैं. पुचका या फुचका नाम पश्चिम बंगाल और बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में मशहूर है और यहां पानी में इमली का होना जरूरी है. 

Google share Doodle on Panipuri

भारतीय स्ट्रीट फूड की दुनिया बहुत बड़ी, अनोखी और स्वादिष्ट है, लेकिन पानी पुरी इसमें राजा है. चाहे आप रोडसाइड से गोलगप्पे खाएं या किसी शादी के बुफे में चाट स्टैंड पर, पानी पुरी शायद ही कभी आपको निराश करेगी. लेकिन अब सवाल है कि आखिर यह मजेदार स्नैक आया कहां से? आपको शायद ही पता हो लेकिन आज की पानीपूरी के तार महाभारत काल से जुड़े होने का भी दावा है. 

क्या मगध राज में बने थे गोलगप्पे
जब पानी पुरी के इतिहास की बात आती है तो आपको बहुत कुछ नहीं मिलता है. गोलगप्पे के इतिहास के बारे में अलग-अलग किस्से मशहूर हैं. एक किस्सा है कि पानी पूरी पहली बार प्राचीन भारतीय साम्राज्य मगध में कहीं अस्तित्व में आया था. प्राचीन भारत के सोलह महाजनपदों या 'महान राज्यों' में से एक, मगध साम्राज्य अब दक्षिणी बिहार से मेल खाता था. हालांकि इसके अस्तित्व की सटीक समय-सीमा स्पष्ट नहीं है, लेकिन कथित तौर पर यह 600 ईसा पूर्व से पहले अस्तित्व में था. 

मौर्य और गुप्त दोनों साम्राज्यों की उत्पत्ति मगध में हुई थी, और इस क्षेत्र को जैन धर्म, हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के विकास के लिए भी जाना जाता है. मगध साम्राज्य में पानी पुरी कथित तौर पर उस डिश से थोड़ा अलग था जिसे हम आज जानते हैं और पसंद करते हैं. इसे 'फुल्की' (यह शब्द आज भी भारत के कुछ हिस्सों में पानी पुरी को संदर्भित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है) कहा जाता है, ये प्राचीन पानी पूरी आज इस्तेमाल होने वाली पूरियों की तुलना में छोटी और कुरकुरी होती थीं. शुरुआत में उनमें क्या भरा जाता था यह स्पष्ट नहीं है, हालांकि यह आलू की सब्जी का कुछ रूप होने की संभावना है.

Golgappa shots is the latest version of Panipuri

महाभारत काल से तार जुड़े होने की संभावना
पानी पुरी की एक और आम उत्पत्ति मानी जाती है. एक पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत काल में द्रौपदी ने पानी पुरी का आविष्कार किया था. कहा जाता है कि नवविवाहित द्रौपदी को उनकी सास कुंती ने एक चुनौती दी थी. कुंती यह परीक्षण करना चाहती थी कि क्या उनकी नई बहू कम साधनों में भी काम चला सकती हैं या नहीं.

कुंती ने द्रौपदी को कुछ बची हुई आलू की सब्जी और पूड़ी बनाने के लिए गेहूं का आटा दिया, और उन्हें ऐसा  कुछ बनाने का निर्देश दिया जो उनके सभी पांच बेटों की भूख को संतुष्ट कर सके. ऐसा माना जाता है कि यही वह समय था जब नई दुल्हन ने पानी पुरी का आविष्कार किया था. अपनी बहू की चतुराई से प्रभावित होकर कुंती ने इस पकवान को अमरता का आशीर्वाद दिया. 

हालांकि, गोलगप्पे कैसे और कहां से आए इस बारे में कोई निश्चित साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं. लेकिन यह बात सच है कि यह स्नैक समय के साथ अलग-अलग जगह पहुंचा और अलग-अलग इलाकों के स्वाद को अपनाकर हर किसी का फेवरेट बन गया.