'अरे कितना गहरा रंग पहना है, उम्र तो देखो अपनी,' 'इस उम्र में इतनी मेकअप, कुछ तो ख्याल करो'.....इस तरह की बातें हम सब अक्सर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में सुनते हैं या खुद किसी महिला के लिए कह रहे होते हैं. बहुत आसानी से जिंदगी को उम्र के पैमाने पर तौल दिया जाता है. पर आज हम आपको मिलवा रहे हैं एक ऐसी शख्सियत से जो उम्र के बंधन से परे मुक्त पंछी सी उड़ान भर रही है.
यह कहानी है गुरुग्राम में रहने वाली मुक्ता सिंह की, जो एक पत्नी और मां होने के साथ-साथ एक पेंटर और एक मॉडल हैं. मुक्ता की उम्र फिलहाल 60 साल है लेकिन स्टाइल और फिटनेस के मामले में वह कॉलेज स्टुडेंट्स को भी मात दे सकती हैं. यह बात अनोखी है लेकिन जजमेंट का चश्मा हटाकर देखा जाए तो आपको इंस्पायरिंग भी लगेगी.
GNT Digital से बात करते हुए मुक्ता ने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी हर जिम्मेदारी निभाते हुए खुद को फिट और हेल्दी रखा और 58 साल की उम्र में बतौर मॉडल अपनी एक पहचान बनाई.
फाइटर पायलट से की लव-कम-अरेंज मैरिज
मूल रूप से राजस्थान में भरतपुर से ताल्लुक रखने वाली मुक्ता सिंह ने सोफिया स्कूल और कॉलेज से अपनी पढ़ाई की. उन्होंने इंग्लिश विषय से मास्टर्स की डिग्री ली. हालांकि, मास्टर्स खत्म होते ही उनकी शादी इंडियन एयरफोर्स के फाइटर पायलट से हुई. मुक्ता कहती हैं कि यह लव-कम-अरेंज मैरिज थी और वह बहुत खुश थीं.
उन्होंने कहा, "तब तक मैं पढ़ रही थी और करियर को लेकर इतनी ज्यादा समझ नहीं थी. लेकिन मेरे पति हमेशा बहुत सपोर्टिव रहे. शुरूआत के कुछ साल मैंने अपने घर-परिवार को संवारने में लगाए. लेकिन फिर मुझे लगने लगा कि मुझे अपना कुछ करना चाहिए. पर बच्चों की जिम्मेदारी भी थी तो पहले इस पर ध्यान दिया."
बतौर फ्रीलांसर करती रहीं काम
मुक्ता ने आगे बताया कि उनके पति की पोस्टिंग अलग-अलग जगह होती रहती थीं. लेकिन एक बार जब उनकी पोस्टिंग दिल्ली में हुई तो उन्होंने जॉब करने का फैसला किया. उन्होंने इवेंट मैनेजमेंट कंपनी से लेकर कई अखबारों व मैगजीन के लिए फ्रीलांसर के तौर पर काम किया. मुक्ता कहती हैं कि उन्होंने चाहे फ्रीलांस किया, लेकिन वह हमेशा कुछ न कुछ करती रहीं और इससे उनका कॉन्फिडेंस हमेशा बूस्ट हुआ.
मुक्ता बताती हैं कि उनके पति ने एयरफोर्स से समय से पहले रिटायरमेंट ले लिया था और वे अपने दोनों बच्चों के साथ गुरुग्राम में सेटल हो गए. लेकिन जीवन में उतार-चढाव हमेशा आते रहते हैं. मुक्ता ने भी अपने हिस्से का परेशानियां झेलीं. खासकर वह समय उनके लिए बहुत मुश्किल था जब उनकी मां बीमार थीं.
बेटी से किया खुद को फिट रखने का वादा
मुक्ता कहती हैं कि एक उम्र के बाद जब उनके बाल सफेद होना शुरू हुए तो वह बालों को कलर करती थीं. लेकिन अपनी मां की देखभाल में वह यह सब भूल गईं. उन्हें लगता था कि मां को उनकी ज्यादा जरूरत है और धीरे-धीरे उन्होंने अपने सिल्वर कलर बालों को स्वीकार लिया. हालांकि, उनकी बेटी को यह बात अच्छी नहीं लगी क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि मुक्ता खुद को खो दें.
ऐसे में, मुक्ता ने अपनी बेटी से वादा किया कि वे भले ही बाल कलर न करें लेकिन अपनी हेल्थ और फिटनेस का पूरा ख्याल रखेंगी. और उन्होंने ऐसा किया भी. इस बीच मुक्ता ने पेंटिंग करना भी सीखा क्योंकि वह कुछ नया सीखना चाहती थीं. उन्हें एक समय पर रॉक म्यूजिक बहुत पसंद था और इसलिए वह उन म्यूजिक आर्टिस्ट्स की पेंटिंग बनाती हैं.
58 साल की उम्र में शुरू की मॉडलिंग
मुक्ता बताती हैं कि वह हमेशा से ही थोड़ी स्टाइलिश रहीं और समय के साथ वह खुद को अपडेट भी करती रहीं. बात फैशन की हो या सोशल मीडिया की, मुक्ता कुछ भी नया सीखने से हिचकती नहीं हैं. मॉडलिंग करियर के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि अपने एक फैमिली फंक्शन के लिए उन्होंने Akaaro ब्रांड से एक साड़ी खरीदी थी और बाद में ब्रांड को टैग करते हुए अपनी कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं.
उनकी तस्वीरों को देखकर Akaaro टीम ने उन्हें संपर्क करके अपने ब्रांड के लिए मॉडलिंग करने को कहा. यह रॉल नया और चैलेंजिंग था लेकिन मुक्ता इस पर भी खरी उतरीं. उनके परिवार ने उनका हमेशा साथ दिया. आज वह श्वेता कपूर जैसे मशहूर डिजाइनर के लिए मॉडलिंग करने से लेकर Bazaar मैगजीन में फीचर हो चुकी हैं.
अपने आप में हर कोई है खास: मुक्ता
मुक्ता कहती हैं कि बहुत से लोग उनका पोस्ट पर निगेटिव कमेंट्स भी करते हैं. लेकिन वह कभी निगेटिव बातों से परेशान नहीं होती हैं. क्योंकि ऐसे भी बहुत से लोग हैं जो उन्हें इंसपिरेशन मानते हैं और उनसे कुछ सीखना चाहते हैं. मुक्ता का मानना है कि हर किसी के जीवन में अपने हिस्से की खुशी होती है और अपने हिस्से का दुख. लेकिन पॉजिटिव सोच से आप चीजों को बेहतर कर सकते हैं.
मॉडलिंग और पेंटिंग करने के साथ-साथ वह कुछ नेत्रहीन बच्चों को भी पढ़ाती हैं. वह यह काम पैसे के लिए नहीं बल्कि अपनी खुशी के लिए करती हैं. अंत में मुक्ता सबको सिर्फ यही संदेश देती हैं कि हर कोई इंसान अपने आप में खास है. किसी की किसी से कोई तुलना नहीं है. इसलिए आप खुद में तलाशे के आपको क्या पसंद है और आप क्या करना चाहते हैं. यकीन मानिए कुछ नया या अलग करने की कोई तय उम्र नहीं होती है.