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Handsome Weeping Boys: जापान में आंसू पोंछने की नौकरी! कर्मचारियों को रुलाने और उनके आंसू पोंछने के लिए कंपनियां हायर कर रही लड़के 

इसके लिए कंपनी अच्छे दिखने वाले पुरुषों को काम पर रखती है. इन लड़कों को इकेमेसो दान्शी के नाम से जाना जाता है. ग्राहक उन्हें ऑनलाइन खोज सकते हैं और उनकी आंसू पोंछने वाली सेवाएं किराए पर ले सकते हैं.

Handsome Weeping Boys Handsome Weeping Boys
हाइलाइट्स
  • कंपनी पुरुषों को रखती है काम पर 

  • जापानी कंपनी कर रही हायर 

रोना भी कई बार थेरेपी से कम नहीं होता है. दिन में ज्यादातर समय काम से बिजी रहने वाले लोगों के लिए स्ट्रेस में रोना अच्छा ऑप्शन हो सकता है. रोने के बाद आपका स्ट्रेस कम हो जाता है. ऐसे में अगर आप भी चाहते हैं कि कोई आपके आंसू पोंछे, तो एक जापानी कंपनी इसके लिए काम कर रही है. जी हां, कंपनी में सुंदर लड़कों को लोगों के आंसू पोछने के लिए रखा जा रहा है. 

जापानी कंपनी कर रही हायर 

जापान की एक कंपनी ऐसे लड़कों को हायर कर रही है जो ऑफिस में कर्मचारियों के आंसू पोंछते हैं. यह सर्विस 7,900 येन (यानी 4,000 रुपये से ज्यादा) में मिलती है. इतना ही नहीं अगर कोई उनकी भावनाओं को समझने में असमर्थ है, तो ये खूबसूरत रोते हुए लड़के उन भावनाओं को सामने लाने में भी सक्षम हैं. इसका मतलब है कि वे आपको रुला भी सकते हैं. 

कंपनी पुरुषों को रखती है काम पर 

ये कंपनी हिरोकी तराई की है, जो टोक्यो में स्थित है. इसके लिए कंपनी अच्छे दिखने वाले पुरुषों को काम पर रखती है. इन लड़कों को इकेमेसो दान्शी (Ikemeso Danshi) के नाम से जाना जाता है. ग्राहक उन्हें ऑनलाइन खोज सकते हैं और उनकी आंसू पोंछने वाली सेवाएं किराए पर ले सकते हैं.

खुद चुन सकते हैं कैसा लड़का चाहिए?

इंडिपेंडेंट के अनुसार, कंपनियों लड़के भी चुन सकती है. जैसे चेक शर्ट पहने हुए 'शोवा फेस एडल्ट इकेमेसो बॉय' से लेकर बटन-डाउन शर्ट और अनौपचारिक ब्लेजर में 'हीलिंग मिस्टा-टोक्यो' इकेमेसो बॉय' तक शामिल हैं. 

कैसे करते हैं काम?

स्टफ वेबसाइट के अनुसार, ये लोग अपने ग्राहकों की आंखों में आंसू लाने के लिए दुखद फिल्मों, इमोशनल गानों और वीडियो का उपयोग करते हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इसके पीछे का विचार दूसरों के सामने खुद को कमजोर दिखाना है, जो कथित तौर पर लोगों को एक साथ लाएगा और उन्हें एक बेहतर टीम बनाएगा. स्टफ के अनुसार, ये सुंदर रुलाने वाले लड़के ‘क्राइंग थेरेपिस्ट’ हैं. 

रयूसी जो इसके लिए काम करते हैं उन्होंने 2016 में बीबीसी को बताया, “जापानी लोगों को लोगों के सामने रोने की आदत नहीं है. लेकिन एक बार जब आप दूसरों के सामने रोते हैं, तो माहौल बदल जाएगा, खासकर काम की जगह पर.

कैसे आया ये विचार? 

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, हिरोकी तराई ने सबसे पहले इसके लिए रोने की वर्कशॉप रखी थी. क्योंकि वह चाहते हैं कि जापानी लोग अपनी भावनाओं को जाहिर करें. उनके पहले प्रोजेक्ट में कपल के लिए उनकी शादी के आखिर का जश्न मनाने के लिए आधिकारिक समारोह आयोजित करना शामिल था.

2013 में, उन्होंने रोने का बिजनेस बनाया और टोक्यो में सभी के लिए वर्कशॉप की व्यवस्था करना शुरू कर दिया. उन्होंने बीबीसी को बताया, “लोग आएंगे और एक साथ रोएंगे. जब वे रोते हैं तो उसके बाद उन्हें बहुत अच्छा लगता है.”